Move to Jagran APP

दूर हुई दिल्ली, ट्रेनों में नो रूम, 11 नवंबर तक सारी टिकटें बुक, क्लोन ट्रेन में भी सीट नहीं

सहरसा और नई दिल्ली के बीच दो ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन दोनों में करीब डेढ़ महीने बाद ही 12 नवंबर से कंफर्म टिकट मिल पा रहा है। ऐसे में अक्टूबर माह में दशहरा के मौके पर कई लोग घर आने से वंचित रह जाएंगे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 10:42 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 10:42 AM (IST)
दूर हुई दिल्ली, ट्रेनों में नो रूम, 11 नवंबर तक सारी टिकटें बुक, क्लोन ट्रेन में भी सीट नहीं
करीब डेढ़ महीने बाद ही 12 नवंबर से कंफर्म टिकट मिल पा रहा है।

सहरसा [राजन कुमार]। अनलॉक-4 में सहरसा से ट्रेन के माध्यम से दिल्ली भी दूर हो रही है। यहां से दिल्ली जाने वाली सभी ट्रेनों के टिकट बुक हो चुके हैं। इस कारण दिल्ली जाने वाले लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है। सहरसा और नई दिल्ली के बीच दो ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन दोनों में करीब डेढ़ महीने बाद ही 12 नवंबर से कंफर्म टिकट मिल पा रहा है।

loksabha election banner

ऐसे में अक्टूबर माह में दशहरा के मौके पर कई लोग घर आने से वंचित रह जाएंगे। दिल्ली से सहरसा आने के लिए रेल मार्ग ही यात्रियों के लिए एकमात्र विकल्प है। सहरसा से नई दिल्ली के बीच एक जून से ही स्पेशल ट्रेन के रूप में वैशाली एक्सप्रेस का परिचालन किया जा रहा है। इसकी सारी टिकटें 11 नवंबर तक के लिए बुक हो चुकी हैं। वापसी में नई दिल्ली से सहरसा के लिए 15 नवंबर के बाद ही कंफर्म टिकट मिल रहा है। सहरसा से नई दिल्ली के बीच 21 सितंबर से चल रही क्लोन ट्रेन में भी तीन अक्टूबर तक सारी टिकटें फुल हो चुकी हैं। क्लोन ट्रेन में दस दिन पहले अग्रिम टिकट बुक करने का नियम है।

वैशाली एक्सप्रेस में हैं 19 बोगियां : सहरसा से नई दिल्ली के बीच चल रही वैशाली एक्सप्रेस में 19 बोगियां लगी हुई हैं। इनमें से एसी वन डेढ़ कोच, एसीटू ढाई कोच, एसी थ्री की तीन बोगियां, स्लीपर की नौ बोगियां एवं तीन सामान्य बोगियां हैं। इसके अलावा इसमें एक पैंट्रीकार है। क्लोन ट्रेन में थर्ड एसी की 12 बोगियां व चार स्लीपर बोगियां हैं। इसके अलावा दोनों ट्रेनों में दो-दो एसएलआर की बोगियां रहती हैं।

तत्काल टिकट एक मिनट में ही हो जाते हैं बुक : ट्रेनों में तत्काल टिकट एक मिनट में ही फुल हो जाते हैं। अब तत्काल टिकट कटाने में यात्री जहां जाएंगे, उन्हें वहां का पता भरना पड़ता है। इस कारण तत्काल का समय होते ही एक टिकट भरने में ही समय निकल जाता है। दूसरे मिनट तो तत्काल का भी टिकट यात्रियों को नहीं मिल पाता है। यात्री लाइन में ही घंटों खड़े रहते हैं।

यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। रेलवे बोर्ड से ही इसपर निर्णय संभव है। -सरस्वतीचंद्र, सीनियर डीसीएम, पूर्व मध्य रेल, समस्तीपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.