बिहार में कोरोना का असर: भक्त और भगवान हुए दूर, मंदिरों में ताला, परेशान हैं पंडे-पुजारी
बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक है। ऐसे में लोग अपने अपने घरों में ही पूजा पाठ कर रहे हैं। सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार यह स्थिति...
संवाद सहयोगी, लखीसराय। जब भी कोई आपदा या विपदा आती है तो लोग भगवान को याद करके निजात दिलाने की मन्नतें करते हैं लेकिन कोरोना महामारी जैसी आपदा ने भगवान के दरबार को भी बंद करवा दिया है। भक्त परेशान हैं और भगवान मंदिरों में कैद हैं। कोरोना की तीसरी लहर ने एक बार फिर से भक्त और भगवान के बीच की दूरी बढ़ा दी है। जिला प्रशासन ने जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसके प्रसार को रोकने के लिए जिले के सभी धार्मिक स्थलों को अगले 21 जनवरी तक बंद कर दिया है। श्रद्धालुओं की पूजा पाठ पर रोक लगा दी गई है। जिले के अधिकारी लोगों से घरों में सुरक्षित रहने और नियमों का पालन करते हुए घरों में ही पूजा पाठ करने की अपील कर रहे हैं।
शहर के मंदिरों में लटका है ताला
शहर के पुरानी बाजार स्थित छोटी दुर्गा मंदिर में सबसे अधिक भीड़ रहती है। मंदिर प्रबंधन ने जिला प्रशासन के जारी आदेश के बाद आम जनों के लिए मंदिर को बंद कर दिया है। मंदिर कमेटी के मंत्री सुरेश ड्रोलिया, संयुक्त मंत्री अरङ्क्षवद कुमार सोनी, प्रवीण आर्य ने शहर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि कोरोना को देखते हुए मंदिर जाने से बचें और अपने घरों में ही रहकर पूजा-पाठ करें। उधर शहर के नया बाजार स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर के मुख्य कपाट को भी बंद कर दिया गया है।
अशोकधाम मंदिर में पसरा सन्नाटा
बिहार के बाबा धाम के रूप में विख्यात श्री इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर में इन दिनों कोरोना का असर साफ दिख रहा है। मंदिर को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर स्थित शिवङ्क्षलग का जलाभिषेक बंद है। प्रशासन ने फिलहाल 21 जनवरी तक मंदिर को बंद रखने का आदेश दिया है। श्री इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर अशोक धाम मंदिर ट्रस्ट के सचिव डा. श्याम सुंदर प्रसाद ङ्क्षसह ने कहा कि जन स्वास्थ्य हित में मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया। उन्होंने जिला वासियों से कहा है कि कोरोना वायरस से डरें नहीं, सफाई और सामाजिक दूरियां बनाकर रहें। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। मास्क का प्रयोग अवश्य करें।