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नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के समक्ष है कई चुनौती, जानिए पूर्णिया के लोगों की सबसे बड़ी समस्या

पूर्णिया में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के समक्ष समस्‍याओं का अंबार है। यहां पर शिक्षा नल का जल रोड नाला से लेकर कई समस्‍या अब भी बरकरार है। इन समस्‍याओं को दूर करने में असफल रहे जनप्रतिनिधियों को हार का सामाना इस बार...!

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 12:32 PM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 12:32 PM (IST)
नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के समक्ष है कई चुनौती, जानिए पूर्णिया के लोगों की सबसे बड़ी समस्या
पूर्णिया में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के समक्ष समस्‍याओं का अंबार है।

संस, जानकीनगर (पूर्णिया)। बनमनखी में संपन्न चुनाव के बाद मिले नतीजे से यह स्पष्ट हो गया है कि मतदाताओं ने पुराने जनप्रतिनिधियों को नकार दिया है और नए चेहरों पर भरोसा किया है। सिर्फ नौलखी पंचायत के निवर्तमान मुखिया ने दूसरी पारी में भी विजयी होने में सफल हुए है। लेकिन नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। गांवों की समस्याओं की लंबी फेहरिस्त है।

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चुनाव के दौरान मतदाताओं से क्षेत्र के विकास को लेकर किए गए वायदों के अलावा सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर रहनेवाले गरीब गुरबों तक पहुंचाना, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, सहित मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना लाभ से वंचित टोले मुहल्ले के लोगों तक उसका लाभ पहुंचाना उनके समक्ष बड़ी चुनौती है। जब मतदाताओं ने पुराने को हटाकर नए और उम्मीद जगाते चेहरे पर भरोसा किया है, तो उनकी भी बातें नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सुननी होगी।

कहा जाता है कि राजनीति और चुनाव की अपनी दुनियां होती है। राजनीति में हमेशा एक और एक दो नहीं होता ,कभी कभी जीरो तो कभी कभी ग्यारह भी हो जाता है। मतगणना परिणाम पर गौर करें तो यही स्थिति देखने को मिल रही है। दूसरी ओर अलग-अलग क्षेत्रों में रह रहे लोगों का कहना है कि गांवों में पंचायती राज व्यवस्था धूल फांकती नजर आ रही है। विकास की धारा कुछ लोगों की जेब तक सिमटकर रह गई हैं।

योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता रहा है। इसके अलावा भी ऐसी कई समस्याएं हैं, जिनसे निजात दिलाने के लिए लोगों ने पुराने को नकार नए को अंगीकार किया है। महाराजगंज 01 पंचायत के हसनपुर, इकराहा के लोगों ने बताया कि करीब 25 साल पूर्व तत्कालीन सांसद पप्पू यादव ने उनके टोले में ईंट सोङ्क्षलग करवाया था,जो बीते कई वर्षों से जर्जरता की पराकाष्ठा को पार कर गया है।

एक ही ट्रांसफार्मर पर करीब तीन हजार उपभोक्ताओं का लोड है, पोल खड़े हैं लेकिन वायङ्क्षरग नहीं। मुरहो टोला रामपुर तिलक के ग्रामीणों की चुनाव पूर्व शिकायत है कि उनकी बस्ती में एक अदद सडक तक नहीं हैं। पक्की सड़क बनने की उम्मीद में उन लोगों ने इस बार परिवर्तन किया है। कुछ इसी तरह की समस्याएं लादूगढ पंचायत के विषहरी स्थान टोला के समीप रह रहे भूमिहीन परिवारों की हैं।

रूपौली उत्तर पंचायत के अनुसूचित जाति टोला के लोगों के पास भी समस्याओं की लंबी फेहरिस्त है। टोले वासियों की उम्मीदें नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि पर टिकी हुई हैं। कमोवेश सभी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ऐसी कई जनहित से जुड़ी समस्याएं हैं जिसका समाधान करना नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आवश्यक है। लोगों ने उम्मीद जताई है कि उनलोगों की समस्याओं का निदान होगा।


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