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फिर फूटेगा बिहार के मुंगेर में AK-47 का जिन्न, NIA टीम Coming Soon, खंगाला जाएगा...

दो दिनों में पहुंचेगी NIA की टीम। निकलेगा एके-47 का जिन्न। जुलाई और अगस्त माह में इससे पहले आई थी टीम। वांटेड संजीव साह पर है दो लाख का इनाम। पांच माह पहले एके-47 मामले में कई शातिरों की बैंक एकाउंट खंगाल चुकी है टीम।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 04:40 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 08:10 PM (IST)
फिर फूटेगा बिहार के मुंगेर में AK-47 का जिन्न, NIA टीम Coming Soon, खंगाला जाएगा...
मुंगेर में एके-47 केस को लेकर आ रही है एनआईए की टीम।

संवाद सूत्र, मुंगेर। लगभग तीन वर्ष पूर्व मुंगेर में एके-47 बरामदगी ने देश में हंगामा मचा था। उस मामले में एक बार फिर अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम एक से दो दिनों में मुंगेर पहुंच रही है। एक बार फिर एके-47 मामले में कुछ पर्दाफाश होने की उम्मीद है। टीम मामले में फरार संजीव साह की टोह लेने के साथ ही अन्य जानकारियां भी एकत्र करेगी। इससे पहले टीम अगस्त माह में पहुंची थी और संजीव साह पर दो लाख रुपये के इनाम का इश्तेहार चस्पा किया था। संजीव की सूचना देने वालों पर एनआइए ने दो लाख का इनाम रखा है। एके-47 मामले में दिल्ली में दर्ज मुकदमे में वह फरार है। टीम बरदह भी जाएगी। पुलिस महकमे में कोई कुछ बताने से गुरेज कर रहा है। 

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एनआइए की टीम एके-47 मामले में जेल में बंद और जमानत पर छूटे 10 लोगों के नाम और एकाउंट नंबर लेने जुलाई माह में बरदह पहुंची थी। बैंक जाकर सभी की डिटेल ली गई थी। बरदह के ग्रामीणों से पूछताछ की थी। एके-47 मामले में लगभग एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से आधा दर्जन लोग अब भी जेल में हैं। कुछ जमानत पर भी हैं।

कई बार चकमा दे चुका है संजीव : एके-47 मामले में जिस संजीव साह की तलाश नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) कर रही है, उसका इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। संजीव कट्टा बेचते-बेचते करते एके-47 तस्करी का मास्टरमाइंड बन गया। संजीव का देश के कई राज्यों में सक्रिय तस्कर पैनलों से बेहतर संबंध रहा है। बिहार के अलावा झारखंड, दिल्ली, यूपी, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, असम, पश्चिम बंगाल में सक्रिय पैनलों के साथ हथियार की खरीद-फरोख्त करता था। संजीव का मुंगेर में भी नेटवर्क काफी मजबूत रहा है। जिले के थानों में भी इस पर पहले से भी कई केस दर्ज हैं। जांच एजेंसी और पुलिस की छापेमारी की भनक इसे पहले मिल जाती है और टीम के पहुंचने से पहले फरार हो जाता है।


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