कोरोना पीडि़तों की मदद के लिए आगे आ रहे सिल्क सिटी के युवा, कोई सांस बांट रहा तो कोई भूखे को करा रहा भोजन
कोरोना पीडि़त लोगों की मदद के लिए सिल्क सिटी के युवा आगे आ रहे हैं। कोई इंटरनेट र्मीिडया की मदद से तो कोई खुद घर जाकर निशुल्क ऑक्सीजन सिलिंडर लोगों को मुहैय्या करा रहे हैं। वहीं कुछ युवा स्टूडेंट किचन के तहत मुफ्त खाना खिला रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना काल में हर कोई अपने अपने तरीके से लोगों को मदद पहुंचा रहा है। युवा संक्रमण से बिना डरे लोगों के बीच जाकर संक्रमितों और अन्य जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। कोई इंटरनेट र्मीिडया की मदद से तो कोई खुद घर जाकर निशुल्क ऑक्सीजन सिलिंडर लोगों को मुहैय्या करा रहे हैं। वहीं कुछ युवा अपने साथियों के साथ अस्पतालों में स्टूडेंट किचन के तहत मुफ्त खाना खिला रहे हैं।
कुणाल कोरोना संक्रमण के बढऩे के बाद अपने साथियों के साथ लगातार कोरोना संक्रमितों और अन्य जरूरतमंदों के बीच खाना बांट रहे हैं। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया के माध्यम से ये अपने साथियों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिस किन्हीं को जरूरत होती है, वे लोग आपस में समन्वय कर मदद के लिए पहुंचते हैं।
- कुणाल पांडेय
कोरोना संक्रमण के इस काल में विकास भी समाजिक कर्तव्य निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग लॉकडाउन में लगातार जरूरतमंदों के बीच खाना लेकर जा रहे हैं। इसके अलावा किन्हीं संक्रमित परिवार को यदि मदद की जरूरत होती है तो वे अपने साथियों के साथ उन्हें जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं।
- विकास चौहान
अतुल ने भी युवाओं की टीम के साथ लोगों के बीच जाकर मदद का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया कि इस कठिन दौर में उन युवाओं की सेवा की जिम्मेवारी है। इस कारण वे लोग संक्रमण से बचते हुए कोविड नियमों का पालन करते हुए लोगों के बीच मदद के लिए जा रहे हैं। जिससे उन्हें दिक्कत ना हो।
- अतुल कुमार
आशुतोष सिंह तोमर ने स्टूडेंट किचन की सहायता से जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज में जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन करा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने अपना नंबर भी सार्वजनिक किया है, ताकि जरूरत होने पर वे जरूरी होने पर संक्रमितों, उनके स्वजनों समेत अन्य को मदद पहुंचा सके। वे लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक भी कर रहे हैं।
- आशुतोष सिंह तोमर
टीएमबीयू के छात्र पीयूष ने इंटरनेट मीडिया को मदद के लिए हथियार बनाया है। उनके नंबर पर मदद मांगने वाले लोगों को उन्होंने इंटरनेट मीडिया की मदद से ही बिहार और उसके बाहर मदद की है। वे लगातार इस पर सक्रिय रहते हैं। उन्होंने इस तरह आधा दर्जन से ज्यादा कोराना संक्रमितों को मदद पहुंचाई है।
- पीयूष कुमार पांडेय