एनएच-107 का काम दो साल में होना था पूरा... तीन साल बीत जाने के बाद भी आधा काम नहीं हो सका
पूर्णिया मधेपुरा सहरसा और खगडिय़ा जिला को जोडऩे वाली एनएच-107 का काम दो साल के अंदर पूरा होना था लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी आधा काम पूरा नहीं हो सका है। इससे लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। एनएच 107 को फोर लेन में परिवर्तित करने का निर्माण कार्य तीन साल पूर्व शिलान्यास होने पर लोगों में खुशी थी कि जल्द सुखद यात्रा कर सकेंगे। पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा और खगडिय़ा जिला को जोडऩे वाली इस एनएच की धीमा निर्माण कार्य को देख लोगों की खुशी काफूर हो गई है। दो साल में पूर्ण होने वाला एनएच 107 का निर्माण कार्य तीन साल में भी आधा पूरा नहीं हो पाया है। निर्माण की रफ्तार देख अभी आगे साल-दो साल पूर्ण होने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है। ऐसे में एक बार फिर इस बरसात इस सड़क पर लोग जोखिम भरी यात्रा करने को विवश होंगे। सूखा मौसम में तो यात्री किसी तरह सफर कर लेते हैं लेकिन बरसात में सड़क पर बिछाए गए मिट्टी और गिट्टी बह जाने के कारण बड़े-बड़े गड्ढ़े में सड़क तब्दील हो जाने से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है।
वर्ष 2018 में चार जिला को जोडऩे वाली 177 किमी वाले एनएच 107 सड़क पुननिर्माण के लिए शिलान्यास हुआ था। 1,380 करोड़ से इस सड़क का चौड़ीकरण एवं पुननिर्माण कार्य पूर्ण करना है। दो चरण में इसका निर्माण कार्य पूरा किया जाना था। इसके लिए दो अगल-अलग कंपनी से एकरारनामा हुआ है। प्रथम चरण में मधेपुरा से पूर्णिया के बीच सड़क निर्माण के लिए 736 करोड़ और दूसरे चरण में मधेपुरा से महेशखूंट तक के लिए 644 करोड़ का टेंडर हुआ किया गया था मधेपुरा से पूर्णिया के बीच 88 किलोमीटर सड़क पुनर्निर्माण और चौड़ीकरण के लिए गैमन इंडिया, वहीं मधेपुरा से महेशखूंट के बीच 90 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए जीडीसीएल कंपनी निर्माण कर रही है।
जानकारी देते हुए एनएचएआई बेगूसराय के कार्यपालक अभियंता राजीव नयन ने बताया कि वृक्ष कटाई, भूमि अधिग्रहण, बरसात, बिहार में माइङ्क्षनग पर रोक और कोरोना के कारण काम प्रभावित हुआ है। काम को जल्द से जल्द पूर्ण करने का प्रयास जारी है। बताया कि अगर कोरोना के कारण काम रुका नहीं तो जून तक पूर्णिया की ओर से 26 किमी सड़क का कालीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। बताया कि बिहार में माइङ्क्षनग पर रोक लगने के कारण भी समस्या उत्पन्न हो गई है। काम को पूर्ण करने के लिए बाधा दूर कर प्रयास किया जा रहा है।