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संयुक्त राष्ट्र ने बिहार सरकार की योजना को सराहा, जल जीवन हरियाली से ही पर्यावरण की रक्षा

जल जीवन हरियाली संयुक्त राष्ट्र ने बिहार सरकार के प्रयास को सराहा। जलपुरुष डा. राजेंद्र सिंह ने भी इस योजना में शामिल हैं। मनोहर मानव ने कहा कि बिहार सरकार के प्रयास जल जीवन हरियाली को संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 05:46 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 05:46 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र ने बिहार सरकार की योजना को सराहा, जल जीवन हरियाली से ही पर्यावरण की रक्षा
जल जीवन हरियाली योजना के तहत सुपौल में आयोजित हुआ कार्यक्रम।

जागरण संवाददाता, सुपौल। जल जीवन हरियाली के बिहार सरकार के प्रयास को संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहा है। पृथ्वी निस्वार्थ व निशुल्क हमें सारी सुविधाएं प्रदान करती है तो बदले में हम सभी को भी अपनी इस धरा को स्वच्छ एवं सुंदर मुक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। उक्त बातें प्रख्यात पर्यावरणविद जलपुरुष डा. राजेंद्र सिंह के सहयोगी एवं बिहार संवाद यात्रा के संयोजक जल प्रहरी मनोहर मानव ने कही। वे रविवार को समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में जल जीवन हरियाली पर आयोजित जन संवाद को संबोधित कर रहे थे।

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इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत जल प्रहरी मनोहर मानव, जिलाधिकारी कौशल कुमार, उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार डीआरडीए डायरेक्टर समेत अन्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मनोहर मानव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण असंतुलन ने पूरी दुनिया पर संकट खड़ा कर दिया है। जिससे मानव जीवन पर संकट मंडराने लगा है। भले ही कोसी का यह इलाका जल मामले में आज धनी हो परंतु समय रहते यदि इसके संरक्षण की दिशा में हम सचेत नहीं होते हैं तो आने वाले दिनों में यहां के लोग भी बूंद बूंद के लिए तरसेंगे। कहा कि जल संकट अब एक राज्य या देश की समस्या नहीं रह गई है बल्कि यह एक वैश्विक समस्या बन चुकी है।

आज दुनिया के कई देश इस संकट से जूझ रहे हैं। हमारे देश में भी कई ऐसी जगह हैं जहां यह संकट उत्पन्न हो चुकी है। भविष्य की दुर्दशा को देखते हुए बिहार सरकार जल जीवन हरियाली जैसी अभियान चला रखी है। ताकि आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ और सुंदर वातावरण मिल सके। कहा कि जनसंवाद यात्रा का मकसद राज्य एवं समाज से संवाद स्थापित कर राज्य को बाढ़, सुखाड़ से मुक्त करना है। आज भी हम अगर परंपरागत जल स्त्रोत आहर, पईन, सोख्ता, ताल, झाल, पौधारोपण तथा प्रकृति संवर्धन के प्रति अपनी नीति तथा सामाजिक जवाबदेही बोध नहीं करते हैं तो आने वाली पीढ़ी पर एक भयंकर खतरा सौंप रहे हैं। इसी उद्देश्य को लेकर यह यात्रा आम नागरिकों विशेषकर रचनात्मक संघटना, बुद्धिजीवियों, सामाजिक व राजनैतिक कार्यकर्ताओं पर विचार विमर्श कर सार्थक संवाद स्थापित कर रहे हैं। राज्य और समाज के बीच संवाद कर परस्पर विश्वास, सहयोग और समन्वय से वृक्षारोपण, जल संरक्षण नदियों की ओर निरंतर निर्मलता सुनिश्चित कर राज्य को हरा भरा बनाना है। ताकि प्रकृति का संरक्षण कर पर्यावरण न्याय के साथ समाज को नई रफ्तार दी जा सके। कहा कि एक सर्वे के दौरान पाया गया है कि पिछले एक सौ वर्षों में दुनिया 72 फीसद भूगर्भ के पानी को खाली कर चुकी है।

बावजूद यदि समय रहते हम नहीं समझे तो आने वाले दिनों में यह दुनिया एक खंडहर सी हो जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित जल जीवन हरियाली अभियान को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन प्रयत्नशील है। इस अभियान के तहत जल स्रोतों को बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल रहेगा और हरियाली रहेगी तो फिर जीवन सुरक्षित रहेगा। इसी मूल मंत्र को लेकर जिला प्रशासन लगातार आगे बढ़ रहा है। इससे पूर्व जनसंवाद कार्यक्रम को ले आए आदर्श लोक कल्याण संस्थान के सभी सदस्यों को जिला प्रशासन द्वारा पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। मौके पर उपस्थित कई स्वयंसेवी संस्थान के कार्यकर्ता समेत जीविका के कार्यकर्ताओं ने जल संरक्षण की दिशा में अपनी अपनी राय रखी। मौके पर मनरेगा समेत कई विभाग के अधिकारी व कर्मी व सामाजिक कार्यकर्ता राजनीतिक कार्यकर्ता मौजूद थे।


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