Move to Jagran APP

'मौसंबी' की महक लाएगी किसानों के चेहरे पर खुशहाली

बीएयू के वैज्ञज्ञनिकों की मेहनत रंग लाई। अब बिहार में भी होंगे मौसंबी के बागान। जानें कैसे कर सकते हैं मौसबंी की खेती।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 10:01 AM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 10:01 AM (IST)
'मौसंबी' की महक लाएगी किसानों के चेहरे पर खुशहाली
'मौसंबी' की महक लाएगी किसानों के चेहरे पर खुशहाली

भागलपुर [अमरेन्द्र कमार तिवारी]। राज्य की मिट्टी 'मौसंबी' की खेती के लिए अनुकूल है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय उद्यान वैज्ञानिक डॉ. संजय सहाय ने बीते चार वर्षो में प्रक्षेत्र में इसकी सफल खेती कर प्रमाणित कर दिखाया है। अब विवि प्रशासन किसानों से इसकी खेती करवाने की तैयारी में है। इसके लिए बड़े पैमाने पर इसका पौध तैयार किए जा रहे हैं। वैज्ञानिक डॉ. सहाय ने कहा कि सिर्फ धान-गेहूं की खेती से किसानों की आय दोगुनी नहीं होगी। उन्हें फलों की खेती करनी होगी। वैज्ञानिक ने कहा ऊंची भूमि जहां परंपरागत खेती संभव नहीं हो पाती है। वहां किसान प्रति हेक्टेयर 40 से 50 हजार खर्च कर डेढ़ से दो लाख रुपये सालाना कमा सकते हैं। कैसी हो जमीन

loksabha election banner

ऊंची बलूवाही मिट्टी मौसंबी की खेती के लिए उपयुक्त है। किसान गर्मी के मौसम में तीन गुने तीन मीटर की दूरी पर डेढ़ फीट का गड्ढा खोद कर कुछ दिनों के लिए छोड़ दें ताकि कीड़े-मकोड़े मर जाएं। इसके बाद प्रत्येक गड्ढे को 40 किलो गोबर की खाद, उपजाऊ मिट्टी, एक किलो सुपर फास्फेट खाद एवं सौ ग्राम कीटनाशी के मिश्रण डाल कर उसे अच्छी तरह भर दें। जमीन से दो-तीन इंच पौध ऊपर दिखाई दे उसे लगा दें। मौसंबी के पौध को किसी भी सीजन में लगाया जा सकता है। यह तीन वर्षो में फल देने लगता है। चौथे वर्ष से 10 हजार खर्च पर डेढ़ लाख की होगी आमदनी

वैज्ञानिक ने बताया कि चौथे वर्ष से प्रति पौध 30 से 50 किलोग्राम तक फल का उत्पादन होगा। यानि एक हेक्टेयर में एक हजार पेड़ से न्यूनतम 300 क्विंटल फल का उत्पादन होगा। जिसकी बाजार मूल्य प्रति किलोग्राम 50 से 55 रुपये के हिसाब से बिक्री होगी तो किसानों को डेढ़ लाख रुपये तक का सलाना मुनाफा होगा। बेहतर प्रबंधन पर मौसंबी के पेड़ 40 वर्षो तक फल देता है। इसके बाद राज्य के बाहर से नहीं आएगा मौसंबी

किसान अगर इसकी सफल खेती करेंगे तो महाराष्ट्र, पंजबा, आंध्रप्रदेश एवं राजस्थान जैसे राज्यों से मौसंबी फल की आवक नहीं करनी पड़ेगी। लोग अपने राज्य में उत्पादित मौसंबी के रस का स्वाद लेंगे। किसानों को भी बेहतर बाजार मूल्य मिलेगा पंजाब से मंगवाया गया है स्पेशल रूट स्टॉक

बीएयू में मौसंबी के उन्नत प्लांट तैयार करने के लिए पंजाब से स्पेशल रूट स्टॉक मंगवाया गया है। इसके अलावा बडिंग के माध्यम से भी पौध तैयार किए जा रहे हैं। यहां से किसानों को प्रति पौध 35 रुपये की दर से उपलब्ध कराया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.