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मनोकामना सिद्धि प्रदाता हैं जमुई का बाबा लक्ष्मीनारायण; आस्था, अध्यात्म और आतिथ्य का प्रबल केंद्र बना यह महोत्सव

जमुई के बाबा लक्ष्मीनारायण में पूजा अर्चना करने काफी संख्‍या में लोग पहुंचे। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां विशेष आयोजन होता है। यह स्‍थान मनोकामना सिद्धि प्रदाता हैं। वार्षिक महोत्‍सव में आए लोगों को ग्रामीणों ने दही-चूड़ा का प्रसाद खिलाया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 03:49 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 03:49 PM (IST)
मनोकामना सिद्धि प्रदाता हैं जमुई का बाबा लक्ष्मीनारायण; आस्था, अध्यात्म और आतिथ्य का प्रबल केंद्र बना यह महोत्सव
कार्तिक पूर्णिमा पर जमुई में लक्ष्मीनारायण महोत्‍सव का आयोजन।

जमुई, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को आयोजित बाबा लक्ष्मीनारायण महोत्सव में महेश्वरी गांव के कण-कण में आस्था व अध्यात्म की छटा दिखी। यहां स्थित बाबा लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर श्रद्धालुओं के सैलाब से पटा दिखा। मौका था कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर आयोजित होने वाले वार्षिक महोत्सव का। 400 वर्ष के इतिहास को समेटे महेश्वरी गांव स्थित बाबा लक्ष्मीनारायण मंदिर कई  राज्यों के भक्तों की प्रबल आस्था का केंद्र भी है। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर यहां आयोजित होने वाले भव्य आयोजन में कई प्रदेशों के श्रद्धालुओं का आगमन होता है। सोमवार को पूरे दिन धर्मपरायण भक्तों का सैलाब मंदिर परिसर में उमड़ता रहा। दोपहर को मंदिर प्रांगण में लाल पताकों से लिपटे पावन ध्वज के प्रतिष्ठापित होते ही हाथ में प्रसाद की थाली लिए उपासकों ने कतारबद्ध हो बाबा को नैवैद्य अर्पित किया व मन्नतें मांगीं। भक्तों की सुविधा को देखते हुए मुख्य गली से मंदिर तक जाने वाले गलियारे को सुसज्जित किया गया था। 

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गांव के पूरब में बहने वाली कलोथर, पश्चिम में गोरिया व उतर दिशा में प्रवाहित होनेवाली योगिया नदी की कलकल धाराएं शुक्रवार को भक्तों के सैलाब को देख चार सौ वर्ष पूर्व के उस इतिहास का स्मरण दिला रही थी जब इसी गांव के दो भक्तों ने बाबा लक्ष्मीनारायण को यहां अधिष्ठापित किया था। कार्तिक पूर्णिमा का दिन महेश्वरी वासियों के लिए अतिमहत्व का होता है। दूरदराज से आनेवाले श्रद्धालुओं की बहुतायत से गांव की हर गलियां मानो छोटी पड़ जाती है। इस इलाके की सभी सडकें शुक्रवार को मानो महेश्वरी की ओर ही मुड़ गईं थी। पूजा अर्चना के बाद बाहर से आए श्रद्धालुओं को गांव वालों ने दही-चूडा व प्रसाद खिलाया। हर जाति, धर्म व संप्रदाय के लोग इस मौके पर यहां दिखे। बाबा का प्रिय प्रसाद दहिऔैरी हैै जो यहां प्रत्येक घरों में तैयार किया जाता है। ध्वजारोहण के बाद यहां संयम व साधना की शर्तें लागू हो जाती हैं। पूरा गांव आतिथ्य सेवा की बेहतरीन मिसाल के लिए जाना जाता है। यही महेश्वरी की सनातन परंपरा भी है। कोरोना काल में वार्षिकोत्सव का आयोजन सरकारी गाइड लाइन के आलोक में किया गया।

लक्ष्मीनारायण मंदिर महेश्वरी की सांस्कृतिक पहचान

लक्ष्मीनारायण महोत्सव में शामिल होने सोमवार को पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह व  विधायक सुमित कुमार सिंह महेश्वरी पहुंचे। नैवैध की थाली लिए पिता -पुत्र ने बाबा लक्ष्मीनारायण  मंदिर जाकर पूजा - अर्चना की व परिवार सहित क्षेत्र के कल्याण की कामना की। पूजा - अर्चना के बाद नेता द्वय महेश्वरी में ग्रामीणों से भी मिले । इस मौके पर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि बाबा लक्ष्मीनारायण के प्रति उनके परिवार की परम आस्था रही है। यही कारण है कि प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर वे अथवा उनके परिवार के सदस्य महेश्वरी आकर बाबा की पूजा - अर्चना करते हैं। श्री सिंह ने महेश्वरी के ग्रामीणों को महोत्सव को भव्य रूप देने के लिए सराहा व कहा कि बाबा लक्ष्मीनारायण का मंदिर महेश्वरी की सनातन व सांस्कृतिक पहचान है। पूजा -अर्चना के बाद उन्होंने प्रसाद ग्रहण किया व वहां उपस्थित ग्रामीणों से बातचीत की ।

लक्ष्मीनारायण मंदिर में माथा टेक सुमित ने क्षेत्र वासियों की खुशहाली की कामना की

महोत्सव में सोमवार को महेश्वरी पहुंचे विधायक सुमित कुमार सिंह ने कहा कि इस मौके पर यहां आना सौभाग्य की बात है। वे हाथ में नैवेद्य की थाली लिए बाबा लक्ष्मीनारायण मंदिर  गए व पूरे भक्ति - भाव से पूजा की। बाहर आते ही बड़ी संख्या में वहां उपस्थित युवाओ से मिले व उनसे उनका हाल - चाल पूछा। विधायक ने महेश्वरी गांव से अपनी तीन पीढिय़ों के लगाव का जिक्र करते हुए कहा कि कार्तिक पूर्णिमा में महेश्वरी आकर बाबा की पूजा अर्चना करना उनके परिवार की परंपरा बन गई है। उन्होंने बाबा से क्षेत्र व क्षेत्रवासियों के कल्याण का आशीर्वाद मांगा।

जटायु धाम में अखंड रामधुन का हुआ समापन

खैरा के गिद्धेश्वर पहाड़ स्थित पक्षीराज जटायु धाम में कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित दो दिवसीय अखंड राम धुन का समापन सोमवार को पूर्णाहुति के साथ पंडित पंकज आचार्य द्वारा संपन्न कराया गया। इस दौरान  सीता-राम, सीता-राम के जयघोष से वातावरण भक्ति में हो उठा। उक्त पौराणिक स्थल का दर्शन करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहाड़ पर चढ़कर जटायु धाम का दर्शन करने के साथ-साथ अखंड रामधुन में भाग लिया। पूजा कमेटी द्वारा श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में खिचड़ी का वितरण किया गया।


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