अग्निपथ योजना के विरोध-प्रदर्शन ने मालदा रेल मंडल को पहुंचाया तीन अरब का नुकसान, ठप पड़े कई निर्माण कार्य
बिहार में बड़े पैमाने पर अग्निपथ योजना का विरोध हुआ। आलम ये रहा कि तकरीबन 13 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया। रेलवे संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया। लिहाजा ट्रेनों के परिचालन रद करना पड़ा। इन सभी से रेलवे को बड़ा नुकसान हुआ है जिसका असर...
जागरण संवाददाता, मुंगेर : अग्निपथ योजना के विरोध की लपटों की चपेट में रेलवे का विकास आ गया है। मालदा रेल मंडल को विरोध-प्रदर्शनों व उपद्रव के कारण तीन अरब से अधिक का नुकसान हुआ है। इससे कुछ माह के लिए यात्री संबंधित विकास योजनाओं पर असर देखने को मिलेगा। मालदा रेल मंडल के कल्याणपुर, जमालपुर, धरहरा और मुंगेर स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी होनी थी। मुंगेर स्टेशन का प्लेटफार्म स्टेशन भवन से काफी की ऊंचाई पर है। यहां एस्क्लेटर और लिफ्ट लगाने की योजना बनी थी।
कल्याणपुर स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज बनना था। फुट ओवर ब्रिज का फाउंडेशन तैयार होने के बाद काम पूरी तरह बंद है। जमालपुर स्टेशन पर भी एस्केलेटर और लिफ्ट लगनी थी। फिलहाल इन कामों को पूरा होने में समय लगेगा। मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने कहा कि अग्निपथ योजना में रेलवे को बड़ा नुकसान हुआ है। कई अरब की क्षति हुई है। दो दिनों तक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा। लगातार हजारों की संख्या में टिकटें रद हुई। ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह अब सामान्य हो गया है। रेलवे के प्रस्तावित यात्री सुविधाओं पर विशेष फोकस होगा।
दो सप्ताह बाद आया विक्रमशिला का तीसरा रैक
अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने मालदा रेल मंडल की महत्वपूर्ण ट्रेनों को आग के हवाले 17 जून को लखीसराय स्टेशन पर कर दिया था। ट्रेन की 21 कोच पूरी तरह राख हो गए थे। विक्रमशिला एक्सप्रेस का परिचालन 2019 से एलएचबी (ङ्क्षलक हाफ मैन बुश) रैक से शुरू हुआ था।
भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच ट्रेन तीन रैक से चलती है। एक रैक को आग के हवाले कर दिए जाने के कारण विक्रमशिला का परिचालन पूरी तरह चरमरा गई है। लगातार ट्रेनें रद हो रही थी। अब जाकर विक्रमशिला का रैक भागलपुर पहुंची है। कई जोन से में रखे एलएचबी कोच को जोड़कर तीसरे रैक को बनाया गया है। उम्मीद है कि 10 जुलाई से तीसरी रैक से भी दौड़ने लगेंगी।