यहां जिला परिषद की 15 सौ एकड़ जमीन पर चांदी काट रहे भू माफिया, इन नेताओं पर भी उठ रहे सवाल
कटिहार में जिला परिषद की करीब 1500 एकड़ जमीन पर भू माफिया का कब्जा है। हर बार बैठक में इस कब्जा को हटाने की बात तो होती है पर बैठक के बाद सब ठंडे बस्ते में चला जाता है। ऐसे में कई नेताओं पर भी सवाल उठने लगे हैं।
कटिहार [प्रदीप गुप्ता]। जिला परिषद खुद अपनी संपत्तियों की देखभाल में सक्षम नहीं हो पा रही है। जिले में जिला परिषद की लगभग डेढ़ हजार एकड़ जमीन जमीन अतिक्रमित है। शहर सहित कई प्रखंडों में जिला परिषद इन अतिक्रमित जमीन की वर्षों से कोई सुधि नहीं ली जा सकी है। कई लोग जिला परिषद की जमीन पर अवैध रूप से खेती कर रहे हैं।
जिले के कदवा, प्राणपुर, बारसोई, बलरामपुर, बरारी सहित कई जगह इस जमीन का उपयोग लोग व्यापार व खेती के उपयोग में कर रहे हैं। इस एवज में वे जिला परिषद को एक रुपया का भुगतान भी नहीं कर रहे हैं। अब तक जिला परिषद की हर बैठक में यह मुद्दा जोर-शोर से उठता है। इस जमीन पर दुकान, अतिथि गृह, मार्केट, काम्पलेक्स बनाने को लेकर कई बार प्रस्ताव भी लिया गया। हर प्रस्ताव फाइल तक ही सिमटा रह गया। जिला परिषद की दुकानें, तालाब, जमीन सहित डाक बंगला तक की स्थिति इसका जीता-जागता उदाहरण है।
डाक बंगला की जमीन भी अतिक्रमण का शिकार
शहर के हदय स्थली शहीद चौक के समीप स्थित डाक बंगला पूरी तरह भूत बंगला बना हुआ है।जमीन अतिक्रमण का शिकार हो रही है। उस जमीन का उपयोग लोग अपने व्यवसाय के लिए कर रहे हैं। गल्र्स स्कूल रोड में कुछ दुकानें जिला परिषद के आवंटन के बिना ही उपयोग की जा रही है। वही बाजार में कई दुकानें वर्षों से बंद है और उसका कोई किराया भी नहीं मिल पा रहा है। जिला परिषद द्वारा वर्षो पूर्व जिन लोगों के नाम पर आवंटित हुई थी,उसमे कई की मौत हो चुकी है तो कई दुकानों का नामांतरण तक नही हुआ है।
जिला परिषद की कितनी है दुकानें
जिला परिषद से उपलब्ध आंकडों के अनुसार जिला परिषद की कुल 203 दुकानें शहर में है। शहर के ह्दयस्थली शहीद चौक के समीप अभिनव बाजार में 29 दुकानें ,अभिनव माकेट्र के प्रथम मंजिल में 30 दुकानें, शालीमार बाजार में 22, बाटा चौक पर 10 , नवोदय बाजार में 108 व हरदयाल चौक के पास 18 दुकानें मौजूद हैं।दो दुकानें गल्र्स स्कूल रोड में अवैध कब्जे में रहने की भी चर्चा है। हरदयाल चौक के समीप की दुकान 2015 में जीविका को दी गई थी, जो बंद पड़ा है।
शहर के अलावा चार प्रखंडों में है डाक बंगला
शहर के मुख्य बाजार के समीप जिला परिषद की लगभग पांच बीघा जमीन में बना डाक बंगला जर्जर अवस्था में है। इस जमीन पर अतिक्रमण भी है। बरारी, कदवा, पोठिया, मनिहारी प्रखंड का डाक बंगला भी काफी जर्जर हो गया है। डाक बंगला का चारदीवारी नहीं रहने से इसका भी अतिक्रमण हो रहा है।
जिला परिषद अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने व आय के साधन बढ़ाने को लेकर कई बार बैठक में प्रस्ताव लिए गए हैं। प्रशासनिक स्तर से इस मामले में ठोस पहल नहीं होने से कई व्यवसायिक व खेती योग्य जमीन से कोई आय प्राप्त नहीं हो रही है। शहर में जिला परिषद की जो दुकानें हैं, उसी से आय प्राप्त हो रही है। गुडडी कुमारी, जिला परिषद अध्यक्ष।