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अररिया-गलगलिया रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम नहीं हो सका पूरा, तीन साल पहले शुरू किया गया था काम

अररिया-गलगलिया रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अब भी अधूरा है। जबकि इसके लिए तीन साल पहले काम शुरू किया गया था। इससे लोगों में अब निराशा है। दरअसल सिकटी को रेलवे से जोड़ने के लिए कई बार घोषणा हो चुकी है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 04:38 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 04:38 PM (IST)
अररिया-गलगलिया रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अब भी अधूरा है।

संसू, सिकटी, (अररिया)। अररिया जिले में सिकटी में रेल सपनों के खेल बनकर रह गई है। महत्वाकांक्षी रेल परियोजना अररिया-गलगलिया रेल लाइन के लिए पांच नवंबर 2018 को भूमि अधिग्रहण की घोषणा की गई थी और गजट का प्रकाशन दिसंबर 2018 में किया गया था। तब सिकटी विधानसभा के लोगों को लगा कि अब उनके दिन भी बहुरेंगे और देश के तमाम हिस्सों से वे सीधे तौर पर जुड़ जाएंगे। लेकिन इस सुदूर इलाके में अभी तक रेल नहीं दौड़ सकी।

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जबकि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया कुर्साकांटा व सिकटी अंचल में पूर्ण हो चुकी है। सिकटी सीओ वीरेन्द्र कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि सिकटी प्रखंड के नौ मौजे से 145.898 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। मुआवजे की प्रक्रिया शुरू है। सही रैयतों की पहचान कर भूमि का मुआवजा दिया जा रहा है। सिकटी में लगभग 90 फीसदी रैयतों का भुगतान हो चुका है। कुर्साकांटा सीओ श्याम सुन्दर ने बताया कि कुर्साकांटा प्रखंड के 11 मौजा से जमीन अधिग्रहित किया गया है। खतियान, रकवा, खाता, खेसरा तथा अर्जित की गई भूमि की चौहद्दी अंकित कर इसकी रिपोर्ट भू-अर्जन कार्यालय को सौंप दी गई है। सूत्र बताते हैं कि अंचलों के द्वारा भू मालिकों के जमीन की जमाबंदी से संबंधित दस्तावेज भू-अर्जन कार्यालय को सही समय पर नहीं सौंपे जाने के कारण मुआवजे की राशि का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है।

----- जिले के पांच अंचल से गुजरेगी ट्रेन---अररिया जिले के पांच अंचल सिकटी, कुर्साकांटा, पलासी, फारबिसगंज तथा अररिया में कुल 37 मौजा से कुल 659.0650 एकड़ जमीन अधिग्रहित किया गया है। सिकटी प्रखंड के पररिया, पोखरिया, ढेंगरी, बरदाहा, चरघरिया, भभटिया, खोरागाछ,औलाबारी तथा कुर्साकांटा प्रखंड के रहटमिना, सौरगाव, भोरहा, बखरी, सोनापुर, लक्ष्मीपुर तथा कोल्हुआ होकर रेल लाइन गुजरेगी। अररिया जिले में 47.60 किमी रेलवे लाइन का निर्माण होना है।

-धीमी पड़ गई निर्माण की रफ्तार: संपूर्ण देश में रेलवे क्रांति के बदलाव के कारण हर छोटी लाइनन को बड़ी लाइन में बदलाव किया गया। लेकिन सिकटी विधानसभा का यह इलाका उसमें भी फिसड्डी साबित हुआ। देश जब बुलेट ट्रेन की सोच रहा है तब सिकटी विधानसभा में पटरी बिछाने की बारी आई है। यहां के लोगों का कहना हैं कि कभी बाढ़ का रोना तो कभी व्यवस्थागत परेशानी, कभी जमीन अधिग्रहण, फंड का न होना तो कभी मुआवजे में देरी निर्माण की रफ्तार में बहुत बड़ी बाधा है।

-रेल परियोजना सामरिक ²ष्टिकोण से महत्वपूर्ण

क्षेत्र के लोगों में मुखिया संघ अध्यक्ष रमेश कुमार यादव, प्रखंड प्रमुख सुशील कुमार ङ्क्षसह, पूर्व मुखिया मुश्ताक अली, समाजसेवी प्रणव गुप्ता, एडवोकेट प्रवीण कुमार आदि ने कहा कि अररिया-गलगलिया रेल परियोजना सामरिक ²ष्टि से भारत को सशक्त करेगा। विकास के नए आयाम, रोजगार के सृजन,सस्ता यात्रा के साथ लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। दूरी सिमटेगी, कम समय में ज्यादा दूरी तय किया जा सकेगा। पड़ोसी देश नेपाल के नागरिक भी रेल सफर का आनंद उठा सकेंगे।

बताते चलें कि अररिया में 47.60 किमी रेल लाइन सीमा से समानांतर बाढ़ के दंश से झेलता सिकटी क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा।-तत्कालीन डीएम ने जताई थी नाराजगी: अररिया गलगलिया रेल परियोजना में हो रही देरी में तत्कालीन डीएम बैधनाथ यादव ने 14 अक्टूबर 2019 में अद्यतन प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक में कहा था कि मुर्गा बांग नहीं देगा तो मॉर्निंग नहीं होगी। उन्होंने प्राक्कलन तैयार कर जल्द से जल्द अररिया-गलगलिया रेल लाइन को पूरा करने की बात कही थी। जिला भूअर्जन पदाधिकारी का कहना है कि अबतक उन्होंने 99.52 प्रतिशत भूमि का दखल कब्जा एनएफ रेलवे को दे दिया है।


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