मगध विश्वविद्यालय के जांच की आंच तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भी पहुंची, स्पेशल विजिलेंस टीम ने 24 तारीख तक मांगी ये जानकारी
मगध विश्वविद्यालय में स्पेशल विजिलेंस की जांच से प्रदेशभर के विवि में हड़कंप मचा हुआ है। इधर जांच की आंच अब भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) पहुंच चुकी है। विजिलेंस की टीम ने कापी खरीद और परीक्षा से संबंधित सामग्री की खरीद पर जानकारी....
जागरण संवाददाता, भागलपुर : मगध विश्वविद्यालय, गया में कुलपति के आवास पर स्पेशल विजिलेंस की जांच के बाद पूरे बिहार के विश्वविद्यालयों में हड़कंप की स्थिति है। वहां के जांच की आंच तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) भी पहुंच गई है। स्पेशल विजिलेंस यूनिट, पटना के एसपी जेपी मिश्रा ने टीएमबीयू के कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव को पत्र लिखा है। जिसमें जनवरी 2019 से अब तक परीक्षा और विश्वविद्यालय से संबंधित जो भी सामग्री भारी संख्या में खरीदी गई है। उसकी जानकारी 24 दिसंबर तक मांगी है।
विजिलेंस यूनिट ने टीएमबीयू से 13 ङ्क्षबदुओं पर जवाब मांगा है। जिसमें पहले ही बिंदु में जनवरी 2019 से अब तक खरीद होने वाले सामानों के बारे में जानकारी मांगी गई है। साथ ही परीक्षाओं में कितने छा9 शामिल हुए, कितनी ओएमआर शीट का उपयोग हुआ है। बता दें कि टीएमबीयू ने प्री-पीएचडी की परीक्षा में ओएमआर शीट का प्रयोग किया था। विजिलेंस ने पूछा है कि भारी मात्रा और ज्यादा संख्या में खरीदी गई किसी भी सामान के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है।
जिस सामान की खरीद हुई है, उसके लिए टेंडर हुआ था या नहीं ? किस प्रक्रिया के तहत टेंडर किया गया। यदि किसी टेंडर या सामग्री खरीद की प्रक्रिया पर किसी अधिकारी द्वारा आपत्ति की गई है तो वह किस कारण की गई थी। साथ ही किसी मामले में फंड का इधर से उधर किया गया है तो इसकी भी जानकारी देने को कहा है, पूछा है कि किस अधिकारी के आदेश से ऐसा किया गया है।
इस मामले में टीएमबीयू के कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव ने कहा है कि टीएमबीयू से विजिलेंस द्वारा 13 ङ्क्षबदुओं पर जानकारी मांगी है। यह जानकारी एक और विश्वविद्यालय में हो रही जांच के कारण ली जा रही है, ताकि दर का मिलान हो सके। उन्होंने कहा है कि जो मामले टीएमबीयू से जुड़े हुए हैं, उसका जवाब भेजा जाएगा।
TMBU से विजिलेंस की टीम ने जनवरी 2019 से लेकर अब तक हुए ज्यादा मात्रा और संख्या में परीक्षा समेत अन्य कार्यों के लिए सामान खरीद की जानकारी मांगी है। इस दायरे में टीएमबीयू में अलग-अलग दरों से हुए कापी खरीद मामले लेकर सवाल उठ सकता है। दरअसल, अलग-अलग समय में काफी अंतर पर दो तरह के कापियों की खरीद हुई थी। जिसे लेकर टीएमबीयू की राजनीति गर्मा गई थी। कापी खरीद मामले में भुगतान भी इसी वजह से रूका हुआ था।
लेकिन इस बार हुई वित्त कमेटी की बैठक में कापी खरीद मामले को लेकर चर्चा हुई और सहमति बन गई। ऐसे में कापी के रेट में अंतर होने पर विजिलेंस भी सवाल उठा सकती है। वहीं दूसरी ओर ओएमआर शीट पर परीक्षा पैटर्न को लेकर भी टीएमबीयू में सहमति बनी है। जिसका विरोध सभी विभागाध्यक्ष समेत अन्य शिक्षक भी कर रहे हैं।