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सफेदपोश के संरक्षण में चल रहा पहाड़ तोडऩे का खेल, शाहकुंड नहीं पहुंचती खनन विभाग की टीम, फायदा उठाते हैं माफिया

भागलपुर के शिवशंकरपुर पुरानी खेरही बनामा और जगरिया में पहाड़ का अस्तित्व मिटा रहा है। यहां पर पत्थर माफिया लगातार पहाड़ों का खनन कर रहे हैं। लेकिन इन लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। यहां पर खनन विभाग की टीम तक नहीं पहुंचती है। इसका फायदा माफिया उठाते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 07:15 AM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 07:15 AM (IST)
सफेदपोश के संरक्षण में चल रहा पहाड़ तोडऩे का खेल, शाहकुंड नहीं पहुंचती खनन विभाग की टीम, फायदा उठाते हैं माफिया
भागलपुर के शिवशंकरपुर, पुरानी खेरही, बनामा और जगरिया में पहाड़ का अस्तित्व मिटा रहा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। शाहकुंड के शिवशंकरपुर, पुरानी खेरही, बनामा और जगरिया में मौजूद पहाड़ का अस्तित्व मिटाने में लगे पत्थर माफिया करीब चार सालों से चोरी-छिपे पहाड़ तोडऩे में सक्रिय हैं। इन जगहों पर पत्थर माफिया ब्लास्ट के अलावा पहाड़ से पत्थर तोडऩे और मोरंग की खुदाई में जेसीबी, हाइड्रोलिक पत्थर काटने की मशीन तक का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहाड़ों की अनुज्ञप्ति बंद होने के बाद से लगभग चार सालों से पत्थर और मोरंग का अवैध उत्खनन कर उसे बाहर भेजा जा रहा है।

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स्थानीय लोगों की माने तो उन्हें इलाके के एक सफेदपोश के संरक्षण प्राप्त होने की चर्चा है, जो अपने रसूख के बूते पत्थर चोरी पर पर्दा डाल रखा है। बीते तीन सालों से उसके संरक्षण में ही पत्थर माफिया का नेटवर्क संचालित हो रहा है। इस कार्य में पुलिस के भ्रष्ट पदाधिकारी तक नजराना पहुंचता है। पहाड़ तोडऩे और मोरंग की खुदाई पर स्थानीय पुलिस निगरानी भी नहीं करती। खनन विभाग के पदाधिकारी या विभाग का धावा दल भी शाहकुंड के शिवशंकरपुर, बनामा, पुुरानी खेरही, जगरिया आदि इलाके नहीं जाता। नतीजा पहाड़ों से पत्थर तोडऩे और मोरंग की खुदाई का काम धड़ल्ले से जारी है। भारी बारिश का असर मोरंग की खुदाई पर जरूर पड़ा है लेकिन पहले से तोड़ कर रखे गए छोटे, मझोले आकार वाले पत्थर और बोल्डर को बाहर भेजने का काम ट्रक और हाइवा से जारी है।

कार्रवाई के नाम पर मात्र तीन केस दर्ज हुए हैं अबतक

शाहकुंड प्रखंड क्षेत्र में पहाड़ों को तोडऩे और मोरंग की खुदाई को लेकर अबतक खनन विभाग की ओर से कार्रवाई क नाम पर मात्र तीन केस दर्ज किए गए हैं। खनन विभाग की टीम के इलाके में नहीं पहुंचने और स्थानीय पुलिस के भरोसे छोड़ देने के कारण पत्थर माफियाओं की सक्रियता पर लगाम नहीं लग सका है। एक कार्रवाई के दो-तीन दिनों बाद ही फिर से पत्थर तोडऩे और मोरंग खुदाई का काम शुरू हो जाता है।

शिवशंकरपुर पहाड़ी पर 20 मई 2016 को तत्कालीन जिला खनिज पदाधिकारी लाल बिहारी प्रसाद के नेतृत्व में छापेमारी हुई थी। प्रकाश राय, सुभाष राय, प्रदीप राय, उपेंद्र मंडल पर केस दर्ज किया गया था। छापेमारी में सुभाष, उपेंद्र और प्रदीप की गिरफ्तारी हुई थी। तब एक जेसीबी, दो ट्रैक्टर और एक ट्रक भी जब्त किया गया था। 2018 में भी एक केस दर्ज कराया गया था। 2019 में वर्तमान जिला खनिज पदाधिकारी सर्वेश कुमार संभव ने शाहकुंड थाने में पत्थर तोडऩे वालों के विरुद्ध् केस दर्ज कराया है। बावजूद इसके पत्थर तोडऩे का अवैध धंधा बदस्तूर जारी है। शाहकुंड थाने में प्रशिक्षु डीएसपी दिवेश कुमार को थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी देने के बाद से जगरिया पहाड़ के इर्दगिर्द की गतिविधियों की निगरानी तेज हो गई है। स्वयं डीएसपी थानाध्यक्ष भी जगरिया पहाड़ का मुआयना रोज कर रहे हैं। लेकिन शेष पहाड़ों की निगरानी चौकीदार-दफादार के भरोसे ही है। खनन विभाग की टीम यदा-कदा किसी शिकायत पर ही पहुंचती है। 2016 में जिला खनिज पदाधिकारी ने शिवशंकरपुर पहाड़ी से पत्थर तोडऩे की कार्रवाई तब चल रहे फ्लैग मार्च के दौरान जानकारी मिलने पर की थी।

शाहकुंड की पहाड़ी से अवैध रूप से पत्थर तोडऩे को लेकर कई बार कार्रवाई हुई है। पत्थर तोडऩे या मोरंग खुदाई की सूचना पर मैं खुद जाता हूं। खनन विभाग का कोई कैंप कार्यालय वहां नहीं है। पत्थर माफियाओं के विरुद्ध् सघन अभियान चलाया जाएगा। शाहकुंड थानाध्यक्ष से बात हुई है। पत्थर माफियाओं पर नकेल कसने का हर संभव प्रयास करेंगे।

सर्वेश कुमार संभव, जिला खनिज पदाधिकारी, भागलपुर।  


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