मुंगेर सदर अस्पताल के चिकित्सक ने महिला के प्रसव के बाद किया कुछ ऐसा कि 17 दिनों से वहीं हैं भर्ती
मुंगेर सदर अस्पताल में एक प्रसूता का आपरेशन कर सुरक्षित प्रसव किया गया। इसके बाद चिकित्सक ने सही से टांका नहीं लगाया। सर्जरी के बाद 17 दिनों से भर्ती है महिला। अमूमन ऐसे मरीज को सात से आठ दिनों में किया जाता है डिस्चार्ज।
संवाद सूत्र, मुंगेर। सदर अस्पताल मुंगेर में सर्जरी और टांके के बीच में एक महिला का पेच फंस गया है। इसका कारण महिला मरीज को अस्पताल में रूककर उठाना पड़ रहा है। आपरेशन के 17 दिन बाद भी महिला घर नहीं जा सकी है। अमूमन इस तरह के मामलों में आपरेशन के सात से आठ दिनों के अंदर ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है, पर इस महिला के साथ ऐसा नहीं हुआ। महिला घर जाने के लिए काफी उत्सुक है, पर उलझन में फंसी हुई है। काफी परेशान है।
दरअसल, टीकारामपुर के धौताल महतो टोला की महिला कोमल कुमारी को पति आकाश कुमार ने 26 अगस्त को प्रसव के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचा था। महिला डाक्टर ने जांच के बाद 27 अगस्त को महिला का आपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया, महिला ने बच्ची को जन्म दिया। महिला का कहना है कि आपरेशन के बाद सही से स्टिच नहीं किया गया। ऐसे में घर जाने से लाचार हैं।
महिला का कहना है कि जिस जगह पर सर्जरी हुई थी, बढ़िया से स्टिच नहीं होने के कारण पेट का कुछ अंश खुला है। जख्म भी नहीं भरने से असहनीय पीड़ा हो रही है। कई बार संबंधित चिकित्सक को इस बारे में जानकारी दी गई, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। महिला के परिवार वालों का कहना है कि इस हालत में घर कैसे ले जाएं। जिम्मेदार कहतें है कि बार-बार कहने के बाद भी प्रसूता साफ-सफाई व खानपान पर ध्यान नहीं दे रही है इससे स्टिच पक जाता है। महिला के इलाज में लापरवाही बरती गई है। स्वजनों ने चिकित्सकीय व्यवस्था पर काफी आरोप लगाया है।
महिला को स्टिच किया गया होगा, ऐसा नहीं हो सकता। स्टिच में किसी तरह की दिक्कतें हुई है तो इस मामले की खुद जांच करेंगे। दोषी पाये जाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई होगी। -डा. हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन।