मालपा घाट पर आदेश मिलने के बाद भी नहीं शुरू हो सका पुल निर्माण का काम, 28 करोड़ की लागत से होना है निर्माण
खगडिय़ा के मालपा घाट पर पुल का काम शुरू नहीं हो सका। 28 करोड़ की लागत से पुल का काम होना था। कार्य आरंभ नहीं हो सका है। जिस कारण लोगों को नौका की सवारी करनी पड़ रही है। पुल निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है।
संवाद सूत्र, चौथम (खगडिय़ा)। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मालपा घाट व रोहियार के बीच बागमती नदी पर अब तक पुल का निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो सका है। जिस कारण लोगों को नौका की सवारी करनी पड़ रही है। अगर मालपा घाट पर पुल का निर्माण हो जाएगा। तो हजारों लोगों को आवागमन में सीधा फायदा होगा। मालपा और रोहियार के बीच बागमती नदी पर 28 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण होना है। जिसका टेंडर पिछले वर्ष 2020 के मार्च में हो चुका है। बीच में स्टीमेट को रिवाइज को लेकर कार्य शुरू नहीं हो सका। हालांकि अब पुल बनाने वाली संवेदक निर्माण स्थल से कुछ ही दूरी मालपा गांव के समीप अपना केंप बनाया है। मेटेरियल गिराया जा रहा है। इधर संवेदक की मानें तो पुल बनाने को लेकर चदरा और चैनल कोलकाता से आना है। इसी के कारण मेटेरियल आने में देरी हो रही है। जिस कारण अबतक कार्य शुरू नहीं किया जा सका है।
अप्रैल 2020 में ही लगा शिलापट
कंपनी द्वारा निर्माण स्थल पर शिलापट भी अप्रैल 2020 में ही लगा दिया गया था। लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। ग्रामीण कार्य विभाग ने स्टीमेट को रिवाइज भी किया तत्पश्चात वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी अब तक निर्माण शुरू नहीं होने को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। बता दें कि मालपा घाट स्थित बागमती नदी पर पुल बनने से दियारा इलाके के हजारों लोगों को नौका की सवारी से मुक्ति मिल जाएगी।
आरसीसी पुल में होगा 12 पाया
इस पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल, गोगरी के देखरेख में होना है। कार्य स्थल पर योजना से संबंधित बोर्ड भी लगाया जा चुका जा चुका है। जिसमें कार्य शुरू करने की अवधि तीन अप्रैल 2020 दर्ज है। उच्च स्तरीय आरसीसी पुल की लंबाई 345 मीटर है। 12 पाया का पुल बनाया जाना है। एक पाया से दूसरे पाया कि दूरी 25 मीटर होगी।
प्राक्कलन में किया गया सुधार
दरअसल में पूर्व में यह पुल का निर्माण मात्र सात करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से होना था। जिसके बाद प्राक्कलन को पुन: सुधार दिया गया। सुधार किए गए स्टीमेट को वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग भेजा गया। जिस कारण मार्च में कार्य शुरू नहीं किया जा सका। हालांकि विभाग द्वारा 24 सितंबर को वित्तीय स्वीकृति भी दे दी गई। अब 28 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण किया जाना है।
क्या है वर्तमान स्थिति
जानकारी के मुताबिक पुल बनाने को लेकर संवेदक मनोज कुमार को टेंडर मिला है। इधर विभाग की ओर से कार्रवाई के बाद संवेदक द्वारा पुल निर्माण शुरू करने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई लेकिन निर्माण कार्य आरंभ नहीं किया जा सका है। पुल निर्माण स्थल के पास ही केंप का निर्माण किया जा रहा है। कुछ निर्माण सामग्री भी गिराए गए हैं।
संवेदक के बीमार होने के कारण कोलकाता से मेटेरियल आने में विलंब हुई है। जिसके कारण कार्य शुरू होने में देरी हो रही है। संवेदक को कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द कार्य आरंभ हो जाएगा।
कुलानंद यादव, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, गोगरी