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सरकारी स्कूल का हाल... यहां बिन गुरु बहाई जा रही ज्ञान की कागजी गंगा

राघोपुर प्रखंड की बायसी पंचायत में 2015-16 में उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अभी महज तीन शिक्षकों के भरोसे पहली से दशमी तक के छात्रों की पढ़ाई चल रही है। इससे यहां पर कई विषयों की पढ़ाई नहीं हो रही है। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 03:59 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 03:59 PM (IST)
सरकारी स्कूल का हाल... यहां बिन गुरु बहाई जा रही ज्ञान की कागजी गंगा
बायसी पंचायत के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्ष्‍कों की कमी।

करजाईन बाजार(सुपौल), संवाद सूत्र। शिक्षा के विकास के हर साल करोड़ों की योजनाएं बनती हैं। बच्चों को स्कूल से जोडऩे के लिए साइकिल व पोशाक राशि सहित तरह-तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। विद्यालयों को उत्क्रमित किया जा रहा है लेकिन जब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात आती है तो स्याह तस्वीर के सिवा कुछ नहीं झलकती है। राघोपुर प्रखंड की बायसी पंचायत में 2015-16 में उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आज भी शिक्षकों एवं भवन की कमी से जूझ रहा है। आपरेशन ब्लैकबोर्ड के तहत जागरण ने जब इसकी पड़ताल की तो उपरोक्त तस्वीर ही दिखी। यहां नौंवी एवं दसवीं के 77 छात्र के अलावा मध्य विद्यालय के 255 छात्रों का पठन-पाठन मात्र तीन शिक्षकों के भरोसे होता है। तीन शिक्षकों में से एक शिक्षक स्कूल संबंधी कार्य में ही व्यस्त रहते हैं। ऐसे में कहा यही जा सकता है कि यहां बिन गुरु ज्ञान की कागजी गंगा बहाने की कार्रवाई हो रही है।

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48 छात्र देंगे बोर्ड की परीक्षा

इस विद्यालय में इस बार दसवीं बोर्ड के लिए 48 छात्रों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। ये मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होंगे। वहीं नौवीं में 29 विद्यार्थी नामांकित हैं लेकिन इनकी पढ़ाई रामभरोसे ही है।

क्या कहते हैं विद्यालय प्रधान

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेश कुमार ने बताया कि फिलहाल कोविड-19 के चलते विद्यार्थी स्कूल नहीं आ रहे हैं, लेकिन यहां तीन शिक्षकों के ऊपर दशमी तक के विद्यार्थियों के पठन-पाठन का भार है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी सहित अन्य समस्याओं के बारे में कई बार विभागीय अधिकारी को अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

प्रस्तावित है एक एकड़ जमीन

मुखिया लाजवंती रूपम ने बताया कि इस विद्यालय के बगल में ही उच्चतर माध्यमिक स्कूल के लिए एक एकड़ जमीन लंबे समय से प्रस्तवित है लेकिन इस पर भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। विभागीय सुस्ती से नौनिहालों को उचित शिक्षा व्यवस्था नसीब नहीं हो पा रही है। पंसस बिनोद सादा, पूर्व पंसस तारानंद यादव, प्रो. शिवनंदन यादव, अशोक कुंवर, दुखमोचन पाठक, महानंद झा, विश्वंभर साह, दुर्गानंद यादव, राजीव ङ्क्षसह आदि ने कहा कि उच्चतर माध्यमिक स्कूल का दर्जा तो मिल गया है लेकिन शिक्षक तथा भवन के अभाव में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। इन्होंने बताया कि अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक को भी इस समस्या से अवगत कराया गया परंतु समस्या यथावत है।


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