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आतंकी फंडिंग करने वाले मुस्तफा को रिमांड पर लेगी आरपीएफ, ई-टिकट मामले में है भागलपुर कनेक्शन

ई-टिकट मामले में गुलाम मुस्तफा का भागलपुर कनेक्शन है। वह अभी बेंगलुरु जेल में बंद है। भागलपुर से हवाला के जरिए आतंकियों को फंडिंग कर रहा था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 08:39 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 08:39 AM (IST)
आतंकी फंडिंग करने वाले मुस्तफा को रिमांड पर लेगी आरपीएफ,  ई-टिकट मामले में है भागलपुर कनेक्शन
आतंकी फंडिंग करने वाले मुस्तफा को रिमांड पर लेगी आरपीएफ, ई-टिकट मामले में है भागलपुर कनेक्शन

भागलपुर, जेएनएन। ई-टिकट से आने वाले पैसे को हवाला के जरिए आतंकी फंडिंग करने वाले मु. गुलाम मुस्तफा को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रिमांड पर लेगी। इसके लिए रेल प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मुस्तफा आतंकी फंडिंग मामले में बेंगलुरु जेल में बंद है। प्रोडक्शन वारंट भेजा गया है। जल्द ही भागलपुर से एक टीम मुस्तफा को लाने के लिए बेंगलुरु जाएगी। दरअसल, इसी वर्ष जनवरी महीने में ई-टिकट गिरोह का पर्दाफाश किया गया था। भागलपुर से अवैध तरीके से ई-टिकट काटने के  मामले में मु. जुनैद राज और मु. इमरान को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों ने मुस्तफा के नाम का खुलासा किया था। भागलपुर आरपीएफ ने इस ई-टिकट के अवैध धंधे के नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए मुस्तफा पर रेलवे एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। बेंगुलरु, ओडीसा और दूसरों शहरों में भी मुस्तफा का कनेक्शन मिलने के बाद भुवनेश्वर से उसकी गिरफ्तारी हुई थी। आरपीएफ इंस्पेक्टर एके सिंह ने बताया कि भागलपुर में दर्ज प्राथमिकी को लेकर वारंट कोर्ट की ओर से भेजा गया है।

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भागलपुर से रहा है पुराना रिश्ता

अवैध रूप से रेलवे में ई-टिकट काटकर हवाला के माध्यम से आतंकी फंडिंग करने वाले माफिया गुलाम मुस्तफा का भागलपुर से वर्षों पुराना कनेक्शन है। यहां के कई साइबर संचालकों की उसके अच्छे संबंध हैं। जिले से हर महीने मोटी रकम भेजी जाती थी। गिरफ्तारी के दौरान मुस्तफा ने भागलपुर के दो मु. जुनैद राज और मु. इमरान का नाम लिया था।

मुस्तफा ने ही 'एएनएमएस सॉफ्टवेयर कराया था उपलब्ध

हवाला और आंतकियों को फंडिंग करने वाला गुलाम मुस्तफा ने ही भागलपुर के दोनों साइबर संचालकों को 'एएनएमएस' सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया था। लेकिन मु. जुनैद राज और मु. इरफान इस सॉफ्टवेयर से टिकटें नहीं काट सका। इसका तरीका नहीं समझ सका। बेंगलुरु की आरपीएफ से मिले इनपुट मिली थी। सूत्रों के अनुसार 2018 से 2019 तक भागलपुर से मुस्तफा के बैंक खाते में लाखों की रकम भेजी गई थी।


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