सही जानकारी नहीं देने के मामले में जांच टीम गठित
भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंधक व कॉलेज के प्राचार्य को अधिकारियों और कर्मचाि
भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंधक व कॉलेज के प्राचार्य को अधिकारियों और कर्मचारियों की पूरी सूची उपलब्ध नहीं कराना महंगा पड़ गया। इस मामले को जिला निर्वाचन पदाधिकारी प्रणव कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले की जांच के लिए एसडीओ के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया है। साथ ही उन्होंने विवि के प्रबंधक व कॉलेज के प्राचार्य को पत्र भेजकर कहा है कि पदस्थापित, प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ-साथ संविदा कर्मियों की सूची मांगी गई थी, जबकि मात्र 56 व 274 लोगों का ही डाटा कार्मिक कोषांग को उपलब्ध कराया गया है। सूची में कई संविदाकर्मियों के नाम नहीं हैं। उच्च पदों पर कार्यरत पदाधिकारियों का भी नाम सूची में शामिल नहीं है। यह कृत्य आपराधिक है। डीएम ने 24 घंटे के अंदर पूरी सूची भेजने को कहा है। अगर किसी का नाम छूट गया तो स्पष्टीकरण के साथ डाटा भरकर भेजना होगा। उन्होंने प्राचार्य और प्रबंधक से पूरी सूची नहीं भेजने को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। निर्धारित समय पर स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर कार्रवाई करने की बात कही है।
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ट्रिपल आइटी के प्राचार्य ने भी नहीं भेजी सूची
कार्मिक विभाग द्वारा ट्रिपल आइटी के प्राचार्य से कर्मचारियों व पदाधिकारियों की सूची मांगी गई थी। 31 अगस्त तक सूची उपलब्ध कराने को कहा गया था, लेकिन कॉलेज द्वारा अभी तक सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने प्राचार्य को 24 घंटे के अंदर सूची उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने कहा है कि सूची उपलब्ध नहीं कराना आपराधिक कृत्य है। अगर 24 घंटे में सूची उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।