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TOB Safe Saturday : 9th episode में विशेषज्ञों ने की विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम की उपयोगिता पर चर्चा

TOB कोरोना काल में टीचर्स ऑफ़ बिहार द चेंज मेकर्स समूह का सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम काफी प्रभावी हो रहा है। लगातार विशेषज्ञ ऑनलाइन टिप्‍स दे रहे हैं। इस बार विद्यालय की सुरक्षा कार्यक्रम की उपयोगिता पर चर्चा की गई।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 09:43 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 09:43 PM (IST)
TOB Safe Saturday : 9th episode में विशेषज्ञों ने की विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम की उपयोगिता पर चर्चा
टीचर्स ऑफ बिहार के सुरक्षित शनिवार का नौवां एपिसोड

भागलपुर, जेएनएन। Teachers of Bihar Safe Saturday : टीचर्स ऑफ बिहार के सुरक्षित शनिवार के नौवें एपिसोड में विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम की उपयोगिता पर इस बार आइएफएस के अधिकारी डॉ. सत्येंद्र ने चर्चा की। इसके अलावा कार्यक्रम में उनके साथ डॉ. पल्लव कुमार, प्रोजेक्ट ऑफिसर सोनी कुमारी, मास्टर ट्रेनर शशिधर उज्ज्वल एवं प्रमिला कुमारी ने भाग लिया।

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डॉ. सत्येंद्र ने बताया कि स्कूल एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक ढांचा है जिसे भावी नागरिक बनाने की जिम्मेदारी सौपी जाती रही है।  सात सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण प्रभावी शिक्षण एवं सीखने के लिये पूर्ववर्ती शर्त है। सात इस लिए कि बच्चों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। सात इसलिये ये महत्वपूर्ण हो जाता है कि बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाय। सात सुरक्षित स्कूलों का उपयोग दोहरे उद्देश्यों के लिये जैसे आपातकाल के दौरान निकासी केंद्र या राहत शिविर के रूप में भी किया जा सकता है।

डॉ. सत्येंद्र ने विद्यालय में मॉक ड्रील करवाने पर जोर दिया। उन्होंने आपदा प्रबंधन के प्रमुख चार पहलुओं पर चर्चा की। जिसमें प्रबंधन एवं चुनौतियां आपदा प्रबंधन का अहम हिस्सा है। जहां चुनौतियां नहीं होती वहां प्रबंधन बेहतर नहीं होता। डॉ. सत्येन्द्र ने बताया कि जब वो जापान में थे उस वक्त भूकंप आया था और वह घबरा गए थे, लेकिन वहां के लोगों को कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वहां की आधारभूत संरचना भूकंपरोधी है। इससे भूकंप का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।

ज्ञान की सभी जगहों पर होती है पूजा

डॉ. सत्येन्द्र ने कहा कि ज्ञान की पूजा सभी जगह होती है। यदि हमारे पास ज्ञान होगा तो हम परिस्थितियों से लड़ सकेंगे। उन्होंने बताया कि एक बच्ची ने अपनी पुस्तक में पढ़ा था कि जब सुनामी आती है उससे पहले नेचर हमे कुछ संकेत देता है जैसे समुद्र का जल कुछ किलोमीटर तक पीछे चला जाता है और यह बात उस बच्ची ने अपनी एक पुस्तक में पड़ी थी। एक दिन उस बच्ची ने देखा कि समुद्र का पानी कुछ किलोमीटर तक पीछे चला गया है वहां के लोगों को यह जानकारी नहीं थी कि यह सुनामी आने का कारण हो सकता है। उस बच्ची ने तुरंत यह जानकारी अपने गांव वालों को दी और सभी सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए और कुछ ही दिनों बाद वहां सुनामी आई पर वह लोग सभी सुरक्षित दूसरी स्थान जा चुके थे। यह जानकारी टीचर्स ऑफ बिहार के प्रवक्ता श्री रंजेश कुमार ने दी। Teachers of Bihar (TOB) के फाउंडर शिव कुमार हैं। वे प्राथमिक विद्यालय अराप, बिक्रम पटना के शिक्षक हैं।


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