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शिक्षक दिवस 2021: राष्ट्रपति से मिले सम्मान को याद कर आज भी भावुक हो जाते हैं भागलपुर के सीताराम, जान‍िए... उनकी कहानी

शिक्षक दिवस 2021 भागलपुर सुल्‍तानगंज के सीताराम तांती को राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया था। वे उस क्षण को याद कर भावुक हो जाते हैं। कहा क‍ि- सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 07:57 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 07:57 AM (IST)
शिक्षक दिवस 2021: राष्ट्रपति से मिले सम्मान को याद कर आज भी भावुक हो जाते हैं भागलपुर के सीताराम, जान‍िए... उनकी कहानी
भागलपुर के सुल्‍तानगंज न‍िवासी सीताराम तांती को मिला था सम्‍मान।

संवाद सूत्र, सुल्तानगंज (भागलपुर)। पांच सितंबर 1994 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा ने सुल्तानगंज के शिक्षक सीताराम तांती को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया था। 28 वर्ष पूर्व मिले इस सम्मान को याद कर आज भी सीताराम की आंखें नम हो जाती हैं। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित शिक्षक ने बीते दिनों की कई अनसुनी कहानियों को साझा किया।

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सीताराम ने बताया कि पहले के समय पठन-पाठन का कार्य बेहतर ढंग से संपादित किया जाता था। कई विद्यालयों में डाक्टरेट की उपाधि लिए शिक्षक तैनात थे। लेकिन आज का दौर तेजी से बदलता जा रहा है। उन्होंने बताया कि 1963 से उन्होंने कन्या मध्य विद्यालय बाराहाट में प्रधानाध्यापक के पद पर अपनी सेवा देनी शुरू की। यहां 6 वर्षों तक कार्यरत रहा। इसी दौरान बौंसी में कालेज निर्माण में मेरी भूमिका निभाई।

नया गांव मध्य विद्यालय में पठन-पाठन को सुचारू करने में काफी वक्त लग गया। काफी मेहनत के बाद अन्य शिक्षकों की मदद से उच्च विद्यालय का निर्माण कराया। नया गांव के बाद करीब 16 वर्षों तक अबज़ूगंज में अपनी सेवा दी। यहां भी इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उच्च विद्यालय का निर्माण कराया। मध्य विद्यालय शंभूगंज में तैनाती के दौरान 5 सितंबर 1994 को तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के हाथों राष्ट्रपति सम्मान मिला। सेवाकाल के दौरान ही संगीत एवं चित्रकला का ज्ञान अपने छात्र छात्राओं को दिया। 1999 में वे सेवामुक्त हो गए।

तब से अब तक स्थानीय छात्र छात्राओं को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं। बता दें कि 2 जनवरी 1938 को इनका जन्म हुआ। इन्होंने एमए तक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा बांग्ला, चित्र कला और संगीत मैं इनकी खासी रूचि रही। इलाहाबाद से इन्होंने सीनियर डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने बताया कि उस समय के सभी साथी गुजर गए। लेकिन अभी तक मैं स्वस्थ हूं। सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है।


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