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तारापुर बना नगर पंचायत, बदले राजनीतिक समीकरण से उड़ी कई माननीयों की नींद

तारापुर के नगर पंचायत बनने से अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव में गाजीपुर एवं तारापुर पंचायत के जन प्रतिनिधि अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे । जबकि बिहमा एवं पढभाड़ा पंचायत के तीन तीन वार्ड के सदस्यों को भी पंचायत चुनाव से वंचित हो जाना पड़ेगा ।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 02:50 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 02:50 PM (IST)
तारापुर बना नगर पंचायत, बदले राजनीतिक समीकरण से उड़ी कई माननीयों की नींद
अब दो जिला परिषद सीट का भी बदल जाएगा समीकरण

मुंगेर, [मनोज मिश्र] । राज्य मंत्री परिषद द्वारा 26 दिसंबर की बैठक में तारापुर को नगर पंचायत घोषित कर दिया गया। ग्राम पंचायतों के 31 वार्ड को विलीन कर नगर पंचायत बनाया गया है। तारापुर को नगर पंचायत घोषित किए जाने के बाद त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में से कई को अपने लिए नए सिरे से राजनीतिक जमीन तैयार करनी होगी। अब ये सभी वार्ड सदस्य पंचायत चुनाव नही लड़ सकेंगे। तारापुर के नगर पंचायत बनने से अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव में गाजीपुर एवं तारापुर पंचायत के पंचायत स्तरीय जन प्रतिनिधि अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे । जबकि बिहमा एवं पढभाड़ा पंचायत के तीन तीन वार्ड के सदस्य अब पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे । जारी अधिसूचना के अनुसार तारापुर पंचायत के कुल 12 वार्ड सदस्य एक पंचायत समिति सदस्य तथा एक मुखिया के पद पर चुनाव नहीं होंगे । वही गाजीपुर पंचायत के 13 वार्ड एक पंचायत समिति सदस्य एवं एक मुखिया चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पढभाड़ा पंचायत के तीन वार्ड सदस्य और बिहमा पंचायत के तीन वार्ड सदस्य भी ग्राम पंचायत के चुनाव नहीं लड़ पाएंगे । बीडीओ श्याम कुमार तथा प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी रंजीत कुमार अभी इस संबंध में आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बचते दिखे।

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पढभाड़ा पंचायत में कुल 15 वार्ड में दो पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित होते थे। नगर पंचायत के परिसीमन में तीन वार्ड का क्षेत्र चले जाने के कारण अब पंचायत में 12 वार्ड ही रह गया है। नई परिस्थिति में ऐसी संभावना है कि एक पंचायत समिति सदस्य की संख्या इसमें से घट जाए। बिहमा और पढ़भाड़ा पंचायत का वार्ड की संख्या कम होने के बाद परिसीमन का नया क्षेत्र क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है ।

इधर नगर पंचायत क्षेत्र होने से तारापुर प्रखंड अंतर्गत दो जिला परिषद क्षेत्र में भी जातीय समीकरण बदल सा गया है। कई ऐसे नेता जो जिला परिषद चुनाव के लिए ताल ठोकने वाले थे, उन्हें मायूसी हाथ लगी है । जातिगत आधार पर दोनों जिला परिषद क्षेत्र कुशवाहा जाति बाहुल्य होने की चर्चा है। वर्तमान में तारापुर दक्षिणी क्षेत्र से शैलेश कुमार उर्फ मंटू यादव जिला पार्षद निर्वाचित हुए हैं। मंटू यादव ने बीते चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। लेकिन, अगर इस बार भी वे चुनाव मैदान में उतरते हैं, तो नए परिसीमन से लड़ाई रोमांचक हो जाएगी।

अब चुनाव से वंचित मुखिया नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रयत्नशील होंगे। वर्ष 2001 से तारापुर पंचायत पर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष तथा वर्तमान मुखिया कुमार प्रणय का एकाधिकार था। बीच में महिला सीट हो जाने पर उनकी मां मुखिया पद पर विराजमान थी। पुन: सीट के सामान्य होने पर कुमार प्रणय मुखिया पद पर निर्वाचित हुए हैं । नगर पंचायत बनने की स्थिति में प्रतिष्ठा के ख्याल से इस पद पर भविष्य में वे तगड़े दावेदार हो सकते हैं ।

नगर पंचायत का चुनाव का आरक्षण रोस्टर क्या होगा, कितने वार्ड बनाए जाएंगे, यह अभी तय नहीं हुआ है । फिलहाल आगामी पंचायत चुनाव के ²ष्टिकोण से भी बिहमा एवं पढभाड़ा पंचायत का नया परिसीमन क्या बनेगा, यह कहने की स्थिति में फिलहाल कोई अधिकारी नहीं हैं। बिहमा तथा पढभाड़ा पंचायत के तीन-तीन वार्ड के कट जाने से भी मुखिया के पद पर आसीन व्यक्ति को नए जीत के लिए नए समीकरण गढऩे होंगे।


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