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सुपौल न्यूज : नल-जल योजना की धीमी रफ्तार, कहीं टोटी खराब तो कहीं सड़क पर बहता पानी

सुपौल में नल-जल योजना की स्थिति ठीक नहीं है। सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र में लगाए जा रहे इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रति पंचायत प्रतिनिधियों के उदासीन रवैये एवं कार्य एजेंसी के ढुलमुल कार्यशैली से योजनाओं के ससमय जमीन पर उतरने पर संशय होने लगा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 04:32 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 04:32 PM (IST)
सुपौल न्यूज : नल-जल योजना की धीमी रफ्तार, कहीं टोटी खराब तो कहीं सड़क पर बहता पानी
सुपौल में नल-जल योजना की स्थिति ठीक नहीं है।

जागरण संवाददाता, सुपौल। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत संचालित हर घर नल-जल योजना की धीमी रफ्तार ने योजना के उद्देश्य और उसकी पूर्ति पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। जहां कार्य पूरा भी हो गया तो कहीं टोटी खराब है तो कहीं पानी सड़क पर बहता रहता है। सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र में लगाए जा रहे इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रति पंचायत प्रतिनिधियों के उदासीन रवैये एवं कार्य एजेंसी के ढुलमुल कार्यशैली से योजनाओं के ससमय जमीन पर उतरने पर संशय होने लगा है।

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प्रखंड क्षेत्र के कई ऐसी पंचायत है जहां आज तक एक बूंद पानी लोगों को नसीब नहीं हुआ है। बताया जाता है कि कई जगहों पर घटिया सामान और बिजली उपकरण के लगने से बोङ्क्षरग से कम और गंदा पानी निकलने से सप्लाई में दिक्कत हो रही है। प्रखंड में पदाधिकारी, कर्मी एवं प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण अभी भी 50 से 60 प्रतिशत नल-जल योजना का कार्य पूरा नहीं हुआ है। जहां हुआ भी तो लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं कई वार्डों में तो पानी की सप्लाई के लिए बिछाए गए पाइप भी जगह-जगह टूट चुके हैं।

महेशवा पंचायत के कई वार्ड में पानी सप्लाई तो दूर पाइप भी नहीं बिछाई गई है। बभनगामा पंचायत के कई वार्ड में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई है। वहीं कई वार्ड में निम्न स्तर के पाइप लगाने से आए दिन पाइप लीक होते रहते हैं। लोगों की शिकायत के बावजूद ध्यान नहीं दिया जाता है। वहीं लतौना दक्षिण पंचायत के कई वार्डों में घटिया किस्म की पाइप एवं टोटी लगाने से सड़क पर नल जल योजना का पानी बहने लगता है।

नल-जल योजना का जो भी कार्य अधूरा है उसे 31 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी जगहों के संवेदक चिन्हित हैं जहां से जो शिकायतें मिल रही है उसे भी दूर किया जा रहा है। इसमें जिला प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है। -विपुल कुमार नंदन, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, सुपौल


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