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सुकन्या समृद्धि योजना : समृद्धि की ओर बढ़ रहे नन्हें कदम, प्रदेश में भागलपुर सबसे अव्‍वल

प्रदेश में सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोलने के मामले में भागलपुर अव्वल। पंद्रह दिन के विशेष अभियान में खोले गए 1610 खाते। छह साल में पटना में 23 हजार तो भागलपुर में खुले 30 हजार 697 खाते।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 09:09 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 09:09 AM (IST)
सुकन्या समृद्धि योजना : समृद्धि की ओर बढ़ रहे नन्हें कदम, प्रदेश में भागलपुर सबसे अव्‍वल
पिछले छह साल भागलपुर में 30 हजार 697 खाते खोले गए।

भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा]। सिल्क सिटी में समृद्धि की ओर बढ़ रहे नन्हीं परियों के कदम। माता-पिता बेटियों के भविष्य के प्रति काफी जागरूक हैं। यही कारण है कि डाक विभाग की ओर से पंद्रह दिनों के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दौरान सुकन्या समृद्धि के 1610 खाते खोले गए। वहीं अप्रैल 2020 से दिसंबर तक आठ माह में 7,250 खाते खोले गए हैं। जिनसे डाक विभाग को एक करोड़ 12 लाख 750 रुपये राजस्व मिला।

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पिछले छह साल भागलपुर में 30 हजार 697 खाते खोले गए, जबकि राजधानी पटना की बात करें तो 23 हजार ही खाते खोले गए। वर्ष 2020 में चार से 19 दिसंबर तक डाक विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं के खाते खोलने संबंधी विशेष अभियान चलाया गया था, जिसमें पूर्वी प्रक्षेत्र में भागलपुर अव्वल रहा। भागलपुर में सुकन्या समृद्धि के 1610 खाते खोले गए। वहीं पटना में 513 व पूर्वी चंपारण में सबसे कम 394 खाता ही खोले जा सके।  

आंध्र प्रदेश प्रथम और बिहार तीसरे नंबर पर

विभागीय अधिकारियों के अनुसार पटना में भागलपुर की तुलना में कम संख्या में सुकन्या के खाते खोले गए हैं। डाक अधीक्षक आरपी प्रसाद के अनुसार सुकन्या खाता खोलने में राष्ट्रीय स्तर पर आंध्र प्रदेश प्रथम, छत्तीसगढ़ दूसरे और बिहार तीसरे स्थान पर है, लेकिन पूर्वी प्रक्षेत्र में भागलपुर सबसे ऊपर है।

अब खाता डिफॉल्ट होने पर भी ब्याज में कटौती नहीं

सुकन्या समृद्धि योजना के पांच नियमों में बदलाव किए गए हैं। अब खाता डिफॉल्ट होने के बाद भी ब्याज में चार फीसद कटौती नहीं होगी। 7.6 फीसद ही ब्याज मिलेगा। हालांकि साल में कम से कम 250 रुपये जमा करने जरूरी हंै। इसे दो से तीन किस्त में भी जमा किया जा सकता है। किसी कारण से यदि राशि जमा नहीं करने पर खाता डिफॉल्ट माना जाता है, लेकिन अब खाता में दोबारा राशि जमा नहीं करने पर भी मैच्योर होने तक 7.6 फीसद की दर से ही ब्याज मिलता रहेगा। वहीं बेटी की मौत होने की स्थिति में या अनुकंपा के आधार पर खाते को समय से पहले बंद कर सकते हैं। अनुकंपा में खाताधारक की जानलेवा बीमारी का इलाज कराने या अभिभावक की मौत होने की स्थिति में समय से पहले खाता बंद किया जा सकता है, जबकि पहले बेटी की मौत और उसके निवास का पता बदलने की स्थिति में खाता बंद करने का प्रावधान था। दो बेटियों के लिए खाता खुलवाया जा सकता है।

जुड़वा बेटियों का जन्म लेने पर भी खोल सकते हैं खाता

एक बेटी के जन्म के बाद जुड़वा बेटी हो जाती है तब भी खाता खोलवा सकते हैं, पर जन्म प्रमाण-पत्र के साथ ही शपथ पत्र समर्पित करना होगा। हालांकि पुराने नियमों में अभिभावक को सिर्फ मेडिकल प्रमाण-पत्र जमा करना पड़ता था। बेटी के बालिग होने यानी 18 साल की होने के बाद ही खाता संचालित कर पाएगी। बालिग होने संबंधी दस्तावेज जमा करना आवश्यक है। कम से कम 250 रुपये से खाता खुलेगा और डेढ़ लाख रुपये तक का खाता खोलने का प्रावधान है। 15 साल तक खाता में राशि जमा करना अनिवार्य है। 21 साल में योजना की राशि परिपक्व होती है। 7.6 फीसद की दर से प्रतिवर्ष ब्याज मिलेगा। उच्च शिक्षा के लिए खाता से 50 फीसद राशि की निकासी का प्रावधान है।   

किस साल कितने खोले गए खाता

2014-15 -316 खाता खुले, 02 करोड़ 52 लाख 67 हजार 704 रुपये जमा हुए।  

2015-16 - 5506 खाता खुले, 22 करोड़ 64 लाख 25 हजार 93 रुपये जमा

2016-17 -2801 खाता खुले, 06 करोड़ 87 लाख, 8 हजार 447 रुपये जमा

2017-18  -3023 खाता खुले, 6 करोड़ 46 लाख 87 हजार 866 रुपये जमा

2018-19 -2656 खाता खुले, 3 करोड़, 4 लाख 66 हजार 570 रुपये जमा

2019-20  -7250 खाता खुले, 01 करोड़ 18 लाख  1500 रुपये जमा

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के मामले में पूर्वी प्रक्षेत्र में भागलपुर अव्वल रहा। इस योजना के तहत छह साल में 30 हजार से अधिक खाता खोले गए हैं। 46 करोड़ से अधिक रुपये खाते में जमा हुए हैं। -एसके सुमन, डाकपाल प्रधान डाकघर, भागलपुर।  


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