अनुमंडल अस्पताल त्रिवेणीगंज : 30 की जगह महज छह डॉक्टर हैं तैनात, 150 बेड वाले अस्पताल में महज 20 बेड फिलहाल उपलब्ध
सुपौल के त्रिवेणीगंज अस्पताल में संसाधनों की भारी कमी है। यहां पर तीस की जगह महज छह डॉक्टर तैनात हैं। साथ ही डेढ़ सौ बेड वाले इस अस्पताल में अभी फिलहाल बीस बेड उपलब्ध हैं। साधारण मरीजों को भी यहां से रेफर कर दिया जाता है।
सुपौल [जितेन्द्र कुमार राजेश]। अनुमंडल अस्पताल त्रिवेणीगंज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अधिक सुविधा नहीं बढ़ पाई है। डेढ़ सौ बेड वाला यह अस्पताल इस कोरोना महामारी में चार डॉक्टर के सहारे चल रहा है। सुविधाओं की स्थिति यह है कि गंभीर तो दूर सामान्य मरीजों को भी रेफर कर दिया जाता है। बिहार सरकार ने आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2010 में रेफरल अस्पताल से अनुमंडल अस्पताल की स्थापना की गई। यहां 30 डॉक्टर व 50 ए ग्रेड नर्स का पद स्वीकृत है। जिसके एवज में 25 ए ग्रेड नर्स है और छह डॉक्टर हैं। जिसमें दो डॉक्टर अस्पताल नहीं आते हैं, उनका नहीं आने का कारण भी यह है कि एक कोरोना पॉजिटिव है तो एक डॉक्टर किसी कारण अभी अस्पताल में कार्यरत नहीं है। ऐसे में 5 लाख आबादी वाले अनुमंडल अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधा का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टर और अस्पताल की सुविधा की कमी के वजह से सामान्य रोगियों को भी इलाज के नाम पर अस्पताल से रेफर का पुर्जा ही मिलता है। यही नहीं विशेषज्ञ डॉक्टर के कमी के कारण लाखों का डेंटल केयर मशीन अस्पताल के किसी कोने में पड़ा हुआ है।
चार डॉक्टर के भरोसे है अनुमंडल अस्पताल
डॉक्टर की कमी को आम लोग झेलते हैं, यहां एक भी विशेषज्ञ नहीं हैं। जानकारी देते हुए अस्पताल प्रबंधक प्रेम रंजन ने बताया कि अनुमंडल अस्पताल में एमबीबीएस और विशेषज्ञ को लगाकर 20 से 25 डॉक्टर रहना चाहिए, लेकिन यहां के अनुमंडल अस्पताल में डॉक्टर के नाम पर पांच पुरुष और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला डॉक्टर कार्यरत है। लेकिन इस कोरोना महामारी के समय में दो डॉक्टर का अस्पताल के साथ-साथ कोविड- वैक्सीनेशन सेंटर पर भी काम लिया जा रहा है और एक डॉक्टर पॉजिटिव हैं तो एक डॉक्टर किसी कारण अस्पताल में अभी कार्य पर नहीं हैं।
पांच लाख आबादी वाले क्षेत्र के अस्पताल को अपना भवन भी नहीं
लगभग पांच लाख से ज्यादा की आबादी वाले इस अनुमंडल अस्पताल को अपना भवन भी नहीं है। दूसरे के भवन में अस्पताल संचालित है। बता दें कि अनुमंडल अस्पताल कैंपस में ही एएनएम ट्रेङ्क्षनग स्कूल का भवन बना हुआ है, जिस के पहले तले पर अनुमंडल अस्पताल संचालित है। सेकंड और थर्ड फ्लोर पर एएनएम ट्रेङ्क्षनग स्कूल चलाया जाता है।
20 बेड का अनुमंडल अस्पताल
डेढ़ सौ बेड का यह अनुमंडल अस्पताल में अभी मात्र 20 बेड है। उस 20 बेड को भी लगाने के लिए अस्पताल को कमरा नहीं है। कमरा नहीं रहने के कारण अधिक भर्ती मरीज को फर्श पर ही लिटाया जाता है। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अनुमंडल अस्पताल के पास 20 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है।
खुद वेंटिलेटर पर है अस्पताल
अनुमंडलीय अस्पताल में एक्सरे, वेंटिलेटर एवं अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध नहीं है। एक्सरे, वेंटिलेटर, अल्ट्रासाउंड और टेक्नीशियन नहीं रहने के कारण अनुमंडल क्षेत्र के मरीजों को यह सुविधा नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण अनुमंडल क्षेत्र से आए मरीजों को बाहर से अल्ट्रासाउंड एक्सरे करवाना पड़ता है ।