नामांकन फॉर्म नहीं भरने वाले छात्रों मिला एक मौका
इंटर में दाखिले के लिए आवेदन फॉर्म नहीं भरने वाले छात्र-छात्राओं के लिए राहत भरी खबर। नामांकन के लिए आवेदन नहीं किए हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है।
भागलपुर। इंटर में दाखिले के लिए आवेदन फॉर्म नहीं भरने वाले छात्र-छात्राओं के लिए राहत भरी खबर। नामांकन के लिए आवेदन नहीं किए हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है। जिला शिक्षा विभाग ने ऐसे बच्चों को एक और मौका देने का निर्णय लिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इसके लिए निर्देश जारी किया है। इसमें कहा है कि ऐसे छात्र जिला शिक्षा कार्यालय आकर ऑफ लाइन आवेदन कर सकते हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सात से 12 अगस्त तक इंटर में नामांकन होना है। शहरी, अनुमंडल और प्रखंड क्षेत्र के कुल 116 इंटरस्तरीय स्कूलों में नामांकन होना है। उन्होंने कहा कि इस बार मैट्रिक का परिणाम काफी विलंब से आया। लॉकडाउन की वजह से सैकड़ों छात्र-छात्राएं नामांकन के लिए आवेदन नहीं कर सके।
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साइंस में 1085 और आर्टस-वाणिज्य में लगेंगे 805 रुपये शुल्क
भागलपुर : इस बार इंटर स्कूलों में नामांकन कराने वाले बच्चों के लिए फीस निर्धारित कर दिया गया है। साइंस संकाय में हर छात्र को 1085 और आर्टस-वाणिज्य में 805 रुपये लगेंगे। मारवाड़ी पाठशाला के प्राचार्य डॉ. राधेश्याम राय ने बताया कि नामांकन की फीस तय कर दी गई है। इससे एक भी ज्यादा पैसे नहीं लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्धारित शुल्क से ज्यादा पैसा कोई मांगता है तो इसकी सूचना दें।
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स्कूलों में तैयारियां शुरू
भागलपुर : जिले में कोरोना को लेकर बच्चों की पढ़ाई स्कूलों में बंद है। अभी 31 अगस्त तक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। स्कूलों में पठन-पाठन सितंबर में शुरू होगा यह अभी तय नहीं है। इस बीच स्कूलों में कोरोना से बचाव के लिए तैयारी शुरू हो गई है। स्कूलों में बेंच-डेस्क को पेंट किए जा रहे हैं। सुबह और शाम भवन और कक्षाओं को सैनिटाइज किया जाएगा। साथ ही कुछ स्कूलों में प्रवेश गेट पर ही सैनिटाइज टनल लगाने की तैयारी है। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को हैंडवॉश और सैनिटाइजर भी मुहैया कराया जाएगा। कक्षाओं में भी शारीरिक दूरी का पालन होगा।
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पोर्टल पर अपलोड दिखेगी योजनाओं की राशि
भागलपुर : जिला शिक्षा विभाग ने बच्चों का आधार नंबर और बैंक खाता संख्या विभाग के पोर्टल पर अपलोड करेगा। इससे लाभुक छात्र-छात्राओं के खाते में साइकिल, पोशाक, नैपकीन व छात्रवृत्ति की राशि सीधे खाते में जाएगी। इससे परिजन को सरकारी योजनाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।