टीएमबीयू में एलएलएम परीक्षा का छात्रों ने किया बहिष्कार, सेंटर पर दो घंटे तक चलता रहा हाइ वोल्टेज ड्रामा
टीएमबीयू में छात्रों ने एलएमएल की परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान परीक्षा केंद्र पर अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। सभी विद्यार्थी केंद्र से बाहर निकल गए। कुछ देर बाद सभी वहां से निकल गए। इस दौरान सेंटर पर...!
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में शुरू हुई एलएलएम पार्ट वन 2020 की परीक्षा का गुरुवार को पीजी कामर्स विभाग के केंद्र पर कुछ विद्यार्थियों ने बहिष्कार कर दिया। इसको लेकर वहां दो गुटों में विद्यार्थी बंट गए। एक गुट परीक्षा देने तो दूसरा गुट परीक्षा नहीं देने के पक्ष में था। परीक्षा नहीं देने वाले गुट का नेतृत्व सौरभ कुमार झा कर रहे थे। वहीं दिव्यांग कुमार गौरव समेत अन्य विद्यार्थी परीक्षा देना चाहते थे, ङ्क्षकतु सौरभ झा समेत उनके सहयोगियों ने उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश से रोक दिया।
केंद्राधीक्षक से की लिखित शिकायत
कुमार गौरव ने कहा कि दिव्यांग के प्रवेश से रोके जाने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पुलिस पहुंची। वे पुलिस के साथ केंद्र में प्रवेश कर गए। उन्होंने 10 विद्यार्थियों के हस्ताक्षर के साथ केंद्राधीक्षक को पत्र लिखकर सारी बातों से अवगत कराते हुए परीक्षा लेने का अनुरोध किया। इस पर केंद्राधीक्षक ने समय का हवाला देते हुए कहा कि 12.00 बज गए हंै। ऐसे में वे अब परीक्षा नहीं ले सकते हैं, उनकी बातों को वे लोग विश्वविद्यालय से अवगत करा देंगे।
अफरा-तफरी का बना रहा माहौल
इस दौरान परीक्षा केंद्र पर अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। सभी विद्यार्थी केंद्र से बाहर निकल गए। कुछ देर बाद सभी वहां से निकल गए। परीक्षा बहिष्कार करने के बाद परीक्षा का विरोध करने वाले गुट के विद्यार्थी प्रभारी कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय से मिले। इस दौरान परीक्षा नियंत्रक डा. अरुण कुमार ङ्क्षसह को बुलाया गया। कुलपति ने विद्यार्थियों से कहा कि उनकी मांग है कि त्योहारों के समय परीक्षा न ली जाए, लेकिन 30 सितंबर और चार सितंबर की परीक्षा का बहिष्कार उन्हें नहीं करना चाहिए।
पहले आठ अक्टूबर की तिथि को बढ़ाने की कर रहे थे मांग
परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि चार दिन पूर्व कुछ छात्र आठ अक्टूबर को होने वाली पेपर तीन की परीक्षा को नेट परीक्षा के कारण बढ़ाने की मांग करने पहुंचे थे। छात्र हित को देखते हुए आठ अक्टूबर को होने वाली परीक्षा तिथि को बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। तभी अचानक विद्यार्थियों ने बिना पूर्व सूचना और बिना कारण ही 30 सितंबर को होने वाली परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि परीक्षा देने के पक्ष में कुछ विद्यार्थी थे तो उन्हें गुरुवार को ही अपना दावा करना चाहिए।
एक गुट ने दूसरे गुट पर धमकाने का लगाया आरोप
परीक्षा देने के पक्ष का नेतृत्व कर रहे कुमार गौरव ने सौरभ झा पर आरोप पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि दिव्यांग कह उन्हें सौरभ ने बेइज्जत करते हुए जबरन धौंस दिखाकर परीक्षा से रोका है। उन्हें धमकी दी कि यदि परीक्षा में शामिल होगे तो किसी दलित से एससी/एसटी अधिनियम के तहत केस कराकर ङ्क्षजदगी बर्बाद कर देंगे। तब वे भयभीत हो गए। वहीं इन आरोपों से सौरभ ने इंकार किया है। उन्होंने कहा कि सभी ने सहमति से परीक्षा का बहिष्कार किया है। उन्होंने कहा कि सभी आरोप निराधार है। किसी तरह की धक्का- मुक्की और धमकी नहीं दी गई है।