हड़ताल के समर्थन में दिखी एकजुटता, प्रदर्शन-नारेबाजी
31 जनवरी और एक फरवरी को बैंक यूनियनों की प्रस्तावित हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार की शाम में बैंक अधिकारियों ने और कर्मचारियों ने हुंकार भरी।
भागलपुर। 31 जनवरी और एक फरवरी को बैंक यूनियनों की प्रस्तावित हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार की शाम में बैंक अधिकारियों ने और कर्मचारियों ने हुंकार भरी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के बैनर तले बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद जोनल कार्यालय के नीचे सभी बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी एकजुट हुए और केंद्र सरकार के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया। सरकार के अड़ियल रवैये के विरोध में नारेबाजी की।
दरअसल, पांच दिवसीय बैंकिंग सेवा, नई पेंशन व्यवस्था को खत्म करना, पेंशन में सुधार, पारिवारिक पेंशन में सुधार, बैंक अधिकारियों के लिए कार्य अवधि स्पष्ट रूप से तय करना, निविदा पर रखे गए कर्मचारी समान काम समान वेतन की मांग यूनियन वर्षो से कर रही है। लेकिन, इनकी मांगों को अनसुना कर दिया जा रहा है। इसी को लेकर 31 जनवरी और एक फरवरी को हड़ताल का आह्वान किया गया है। इसमें जिले के सभी बैंकों की 800 शाखाएं बंद रहेंगी।
ऑल इंडिया बैंक कंफडेरेशन (आइबॉक) के जिला सचिव प्रशात कुमार मिश्रा ने बताया कि इंडियन बैंक एसोसिएशन की सहमति से हड़ताल का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार सौतेला रवैया अपना रही है। इस बार बैंक अधिकारी किसी तरह का आश्वासन नहीं मानेंगे। बैंक के उच्चतम प्रबंधन और सरकार को यह अहसास कराना जरूरी है कि बैंक में अधिकारी और कर्मचारी कितने दबाव में कार्य कर रहे हैं। बैंक के उच्चतम प्रबंधन और सरकार को यह एहसास कराना आवश्यक है कि बैंक में अधिकारी और कर्मचारी कितने दवाब में कार्य कर रहे हैं। ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक एसोसिएशन के राज्य सचिव संजय लाठ ने कहा कि अभी किसी कीमत पर केंद्र सरकार झुकने वाली नहीं है। सरकार ने यूनियन की बातों को नहीं मानी तो एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कर्मचारी हित में नहीं सोच रही है। प्रदर्शन में अरुण कुमार सिंह, एआइबीइए के अरविंद रामा, ओपी तिवारी, तारकेश्वर घोष, ज्योति, एन सी बीइ के प्रकाश चंद्र मिश्र समेत सभी बैंकों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे.