Move to Jagran APP

कूड़े से बजबजा रही 'योगनगरी की गलियां', पांचवे दिन भी सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी, पेयजल आपूर्ति भी ठप

योगनगरी की गलियां कूड़े से बजबजा रही है। सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी है। वे लोग मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की बात कह रहे हैं वहीं शहर के लोग परेशान हैं। अब पेयजल आपूर्ति भी...!

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 05:32 PM (IST)
कूड़े से बजबजा रही 'योगनगरी की गलियां', पांचवे दिन भी सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी, पेयजल आपूर्ति भी ठप
योगनगरी की गलियां कूड़े से बजबजा रही है।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। जब आप घरों से निकलें तो रूमाल लेकर ही चलें, क्योंकि कूड़े की बदबू से चलना भी मुश्किल होगा। पांच दिनों से शहर में हर तरफ कूड़ा और गंदगी ही दिख रहा है। इस समस्या को देखने वाला कोई नहीं है। मांगों के समर्थन में नगर निगम के लगभग आठ सौ सफाईकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। दिलचस्प तो यह है कि शहर को इस नारकीय स्थिति से बचाने के लिए निगम प्रशासन के पास कोई वैक्लिपक व्यवस्था नहीं है।

loksabha election banner

नगर आयुक्त का पद रिक्त रहने के कारण एडीएम को प्रभार तो मिल गया, लेकिन वित्तीय पेच फंसा रहने से कर्मियों को भुगतान नहीं हो रहा है। ऐसे में कर्मी बिना लिखित आदेश को मानने को तैयार नहीं है। यूनियन के महामंत्री ब्रह्मेदव महतो ने कहा कि जबतक लिखित नहीं मिलेगा कामकाज ठप रहेगा। दरसअल, नगर निगम क्षेत्र के 45 वार्डो में प्रतिदिन लगभग 60 टन कचरे का उठाव होता है, लोगों के घरों से सिर्फ 13 टन कचरे की निकासी होती है। इसके निस्तारण को लेकर 140 सरकारी,320 दैनिक व 350 एनजीओ के श्रमिक हैं। कूड़े को डंङ्क्षपग ग्राउंड तक पहुंचाने में 10 ट्रैक्टर, चार डंफर, 10 कूड़ा भान, दो जेसीबी, एक छोटा जेसीबी व 123 ठेला का इस्तेमाल होता है। पांच दिनों से सभी गाडिय़ां नगर निगम में खड़ी है।

मौसमी बीमारी फैलने की संभावना

बारिश के मौसम में कचरे भीग जाने के बाद धूप होने से रास्ते से आने जाने वाले लोगों को नाक ढंक कर गुजरना उनकी मजबूरी बन गयी है । इस तरह कचरे का ढ़ेर लग जाने से मौसमी बीमारी का खतरा और अधिक बढ़ गया है। इतना ही नही अभी वायरल फीवर भी कहर बरपा रही है। कूड़े का उठाव नहीं होने से टैक्सी स्टैंड, बस पड़ाव, नीलम रोड, दीनदायल चौक, गुलजार पोखर रोड, लल्लू पोखर, बेलन बाजार, कौड़ा मैदान, बड़ी बाजार सहित कई इलाकों में गंदगी बिखरा पड़ा है। पांच दिनों में तीन सौ टन कूड़ा-कचरा शहर के चौक-चौराहों और घरों में पड़ा हुआ है। गंदगी का आलम यह है कि लोग रास्ते बदलकर चलने को मजबूर हैं। एक तरह समझे तो यह शहर भगवान भरोसे है। पूरा शहर गंदगी और दुर्गंध से बजबजा रहा है।

पेयजल आपूर्ति भी ठप, बढ़ गई परेशानी

कस्तूरबा वाटर वकर्स के कर्मचारी भी शुक्रवार से हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे कई इलाकों में वैसे लोगों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन गयी है। लगभग 22 वार्ड के लोग सिर्फ सप्लाई पानी पर ही निर्भर हैं। इनके हड़ताल पर जाने से निगम क्षेत्र में रहने वाले आम जनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में पेयजल की आपूर्ति भी बंद है। जिन घरों में कस्तूरबा वाटर वकर्स से पेयजल की आपूर्ति होती है, वहां सप्लाई बंद है। ऐसे में शहरवासियों को गंदगी के साथ-साथ पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। कस्तूरबा वाटर वकर्स श्रमिक यूनियन के महामंत्री दिलीप कुमार ने कहा कि कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में भुखमरी की नौबत आ गई है। वेतन भुगतान के लिए कई बार कहा गया है। इसके बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है, इससे कर्मियों में काफी आक्रोश है। शुक्रवार से पेयजल आपूर्ति बंद कर सभी हड़ताल पर चले गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.