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कैद में भगवान, चोर की हो गई रिहाई

चोर रिहा हो गए फाइल भी बंद हो गई। चोरों के पास से बरामद करोड़ों की चार दुर्लभ मूर्तियां 30 साल से मालखाने में कैद है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 07:28 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 07:28 PM (IST)
कैद में भगवान, चोर की हो गई रिहाई

भागलपुर। चोर रिहा हो गए, फाइल भी बंद हो गई। चोरों के पास से बरामद करोड़ों की चार दुर्लभ मूर्तियां 30 साल से मालखाने में कैद है। सत्यनारायण भगवान, लक्ष्मी जी, राधा और भगवान श्रीकृष्ण की रिहाई के लिए कई बार प्रयास हुआ। लेकिन व्यवस्था के दोष से भगवान की रिहाई आज तक अटकी है।

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26 अप्रैल 1988 की रात टोडरमल दिलखुश राय धर्मशाला(दल्लू बाबू) से चार मूर्तियां चोरी हुई थी। तब ट्रस्ट से जुड़े वकील मोहरी लाल सिंघानियां ने कोतवाली (तातारपुर) में केस दर्ज कराया था। चोरों की गिरफ्तारी और मूर्तियों की बरामदगी को पुलिस सक्रिय हुई। 28 सितंबर 1988 को छत्रपति पोखर से बरामद कर ली गई। पुलिस ने राजू पासवान, महेश झा, बबलू मंडल और आनंद गोस्वामी को गिरफ्तार भी कर लिया। बरामद मूर्तियों की ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों ने पहचान भी की। मूर्तियों के तल में धर्मशाला का नाम खुदा था। पुलिस ने तब लहेरी टोला निवासी राजू पासवान, शाहाबाद पीरपैंती निवासी आनंदी गोस्वामी, रामसर निवासी बबलू मंडल और शाहकुंड के करहरिया निवासी महेश झा को गिरफ्तार किया था। ट्रायल चला। उस दौरान आनंदी गोस्वामी फरार घोषित कर दिया गया। दूसरा आरोपित राजू 8 दिसंबर 1997 में रिहा हो गया। उसके बाद केस की फाइल ही बंद हो गई। मुक्ति के लिए कोट-कचहरी का काट रहे चक्कर

इस केस में किसी का फैसला रुका तो मूर्तियों की मुक्ति का। तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर ने 29 मई 1990 को मेमो संख्या 86/90 के जरिए सीजेएम कोर्ट को अर्जी दे अनुरोध किया था कि मूर्तियां बरामद हो गई है। उसे थाने के मालखाना में धार्मिक दृष्किोण से रखना उचित नहीं है। वर्तमान में आठ साल से ट्रस्ट के सचिव अशोक जीवराजिका और वकील संदीप झा कोतवाली और कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं।


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