अशोक के घर राम-सीता तो इलियास के घर मिले थे लक्ष्मण
कहलगांव के ठाकुरबाड़ी से 15 साल पूर्व चोरी हुई श्रीराम जानकी और लक्ष्मण की मूर्तियां तिलकामांझी और रसलपुर से बरामद हुई थी।
भागलपुर। कहलगांव के ठाकुरबाड़ी से 15 साल पूर्व चोरी हुई श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण की मूर्तियां तिलकामांझी और रसलपुर से बरामद हुई थी। पांच अगस्त 2005 को पुलिस टीम ने होटल पंचवटी के समीप बाइक सवार सन्हौला के बशीर और भीखनपुर के अब्दुल्ला को पकड़ा था। दोनों की निशानदेही पर तिलकामांझी हटिया रोड में कमरा लेकर रह रहे इलियास के यहां छापेमारी हुई थी। जहां पलंग के नीचे प्लास्टिक में लपेट कर रखी गई लक्ष्मण जी की मूर्ति मिली थी। इलियास पोस्टमार्टम हाउस रोड गोड्डा(झारखंड) का निवासी था। तब मौके से दो-तीन तस्कर भाग निकले थे।
वहां पकड़े गए सन्हौल के पलवा गांव निवासी नसीम ने तब चकराजू के अशोक सिंह का नाम कबूल किया। तब कहलगांव थानाध्यक्ष नर्मदेश्वर सिंह और एनटीपीसी थानाध्यक्ष राजेश कुमार को साथ लेकर आरके सिंह, अरुण राय ने चंद घंटे में अशोक सिंह का घर घेर लिया था। रसलपुर के चकराजू गांव निवासी अशोक सिंह के घर से भगवान श्रीराम और जानकी की मूर्तियां बरामद की गई थी। दोनों मूर्तियां बरामदगी बाद पुलिस टीम में शामिल चेहरे खुशी से खिल उठे थे। अरुण राय के बयान पर दर्ज हुआ था केस
तत्कालीन एसएसपी जेएस गंगवार को जब सूचना दी गई तब वो अपने आवासीय कार्यालय में बैठे थे। उस कामयाबी की सूचना का बेसब्री से इंतजार ही कर रहे थे। सूचना मिलते ही अपने टेबल पर कस के हाथ मारा था। सूचना दारोगा अरुण राय ने फोन पर दी थी। राय के बयान पर इशाकचक थाने में अब्दुल्ला, नसीम उर्फ नसीर, अशोक सिंह, इलियास, दिनेश साह, टुन्ना सिंह, राम विलास आदि पर केस दर्ज हुआ था।