Bhagalpur: पति के कारण पत्नी को जाना पड़ा जेल, बोलीं-मेरी आय का स्रोत मैं नहीं जानती
भागलपुर व नोएडा के फ्लैट की अदला-बदली छिपाई थी ईडी से। दीपक व अपर्णा से कई बार पूछताछ कर चुका है ईडी। नोएडा के गार्डिनिया में खरीदी गई फ्लैट को जब्त कर 25 लाख के मनी लांड्रिंग का केस किया गया है दर्ज।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर व नोएडा में फ्लैट की अदला-बदली की बात छुपाना सबौर निवासी अभिषेक वर्मा उर्फ दीपक वर्मा को महंगा पड़ा। इस झूठ का खामियाजा दीपक की पत्नी अपर्णा वर्मा को भुगतना पड़ा। ईडी ने नोएडा के गार्डिनिया में खरीदी गई फ्लैट को जब्त कर 25 लाख के मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। इसी मामले में अपर्णा की गिरफ्तारी हुई है। सृजन घोटाले में शामिल दीपक वर्मा की पत्नी अपर्णा सृजन महिला विकास सहयोग समिति में पदधारक थी। दीपक वर्मा खुद सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव मनोरमा देवी, उसका पुत्र अमित कुमार व बहू रजनी प्रिया की जमीन व प्लाट की डीलिंग का काम देखता था।
अंग अपार्टमेंट में खरीदी थी फ्लैट
मनोरमा देवी की बेटी अर्चना लाल ने सबौर स्थित अंग विहार अपार्टमेंट में एक फ्लैट खरीदी थी। फ्लैट पसंद नहीं आने पर दीपक वर्मा ने नोएडा में अर्पणा वर्मा के नाम से खरीदे गए फ्लैट से अर्चना लाल के फ्लैट की अदला-बदली कर ली, लेकिन यह बात दीपक ने ईडी से छिपा ली। इस मामले में अर्पणा के खिलाफ ईडी ने समन जारी किया था।
अर्पणा से तीन और दीपक से दो बार हो चुकी है पूछताछ
ईडी अपर्णा वर्मा से तीन बार और दीपक वर्मा से दो बार पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते से जमा राशि से गार्डिनिया अपार्टमेंट के ग्लैमर फेज-2 के इमराल्ड 1/602 फ्लैट की खरीदी की गई थी। फ्लैट के लिए 25 लाख रुपये गार्डिनिया इंडिया लिमिटेड को दी गई थी। यह फ्लैट अर्पणा का बताया जा रहा है, जिसमें किए गए इन्वेस्टमेंट के स्रोतों को लेकर ईडी ने जब अर्पणा को बुलाकर पूछताछ की तो उसने फ्लैट को अपना होने से इन्कार कर दिया। अर्पणा वर्मा से ईडी ने 26 सितंबर 2019, 31 अक्टूबर 2019 और 17 जनवरी 2020 को पूछताछ की थी। अर्पणा का कहना था कि वह इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करती है, लेकिन सारा काम उसके पति देखते हैं। मेरे आय का स्रोत मेरे पति ही बता पाएंगे।
ईडी ने पकड़ा दीपक का झूठ
अर्पणा का बयान लेने के बाद ईडी ने उसके पति दीपक का बयान लिया। दीपक वर्मा से 15 मार्च 2021 और 17 मार्च 2021 को बयान लिया गया था। दीपक ने अपनी पत्नी अर्पणा के बयान को सही करार दिया था। उसने इनराल्ड 1/602 अर्पणा का नहीं होने की बात कही थी। इसके बाद ईडी ने बिल्डर से पेमेंट डिटेल लिया। इसमें बताया गया था कि 14 सितंबर 2011 को 50 हजार रुपये नकद जमा किया गया। यह राशि किसने जमा कराई, जानकारी नहीं है। 24 जनवरी 2012 और 26 अप्रैल 2013 को पांच-पांच लाख रुपये और 14 फरवरी 2014 को डेढ़ लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से मनोरमा देवी की बेटी अर्चना लाल ने डाले थे। चार जुलाई 2012 को पांच लाख और 15 दिसंबर 2012 व 11 नवंबर 2013 को चार-चार लाख रुपये सृजन के खाते से जमा कराए गए थे। यह फ्लैट इंद्रप्रस्थ कालोनी निवासी बैंक आफ बड़ौदा के क्लर्क संत कुमार सिन्हा की पत्नी के नाम से बुक कराया गया था।
इसके बाद ईडी ने मनोरमा देवी की बेटी अर्चना लाल से पूछताछ की तो उसने सबूत दिखाए। इससे दीपक वर्मा के झूठ का पता चला। अर्चना लाल ने बताया था कि उसने अंग विहार अपार्टमेंट में थ्री-बीएचके का फ्लैट 19 लाख रुपये में बुक कराया था। इसके लिए 11 लाख रुपये दिए थे। फ्लैट पसंद नहीं आने पर दीपक वर्मा की पत्नी अर्पणा के नाम से नोएडा की गार्डिनिया में खरीदे गए फ्लैट आर-2/105 से उसने अदला-बदली कर ली।