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सृजन घोटाला : करोड़ों के घोटाले में केंद्र बिंदु बनी सृजन महिला विकास सहयोग समिति का अस्तित्व आज भी

Srijan scam Bhagalpur करोड़ों के घोटाले में केंद्र बिंदु बनी सृजन महिला विकास सहयोग समिति का अस्तित्व आज भी जिंदा है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने संस्था को खत्म करने को पत्र लिखा है। इस घोटाले की पूरे देश में चर्चा हुई है। मुख्‍य आरोपित अभी भी फरार हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 10:04 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 10:04 AM (IST)
सृजन घोटाला : करोड़ों के घोटाले में केंद्र बिंदु बनी सृजन महिला विकास सहयोग समिति का अस्तित्व आज भी
क्रियाकलाप दागदार फिर भी जिंदा है सृजन संस्था

भागलपुर, जेएनएन। करोड़ों के घोटाले में केंद्र बिंदु रही सृजन महिला विकास सहयोग समिति आज भी जिंदा है। जबकि ऐसे किसी भी सहकारी समिति जिसका क्रियाकलाप दागदार हो उसे तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का प्रावधान है। सृजन संस्था में तो करोड़ों के घोटाले हुए लेकिन उसे खत्म करने में सक्षम प्राधिकार के हाथ कांप रहे हैं। जिला सहकारिता पदाधिकारी जैनुल आब्दीन अंसारी ने इस संस्थान को समाप्त करने को पत्र भेजा है। यही नहीं इस आशय का भी पत्र भेजा है कि संस्था के वैसे खातेदारों के पैसे वापस किया जाए जिन्होंने अपने रुपये संस्था में जमा कराए थे। सृजन को समाप्त करने का पत्र निबंधक, डीएम समेत प्रधान सचिव तक को लिखा गया है।

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दबी-कुचली बेसहारा महिलाओं के उत्थान को बनी थी समिति

दबी-कुचली बेसहारा महिलाओं के उत्थान के लिए बनाई गई सृजन महिला विकास सहकारी समिति अंदर ही अंदर बैंक में तब्दील हो गई। संस्था का मूल उद्देश्य ही भटक गया। जिला प्रशासन के पदाधिकारियों की मिली भगत से सरकारी योजनाओं की बड़ी राशि वहां जमा होने लगी। ऐसी साजिश रची गई कि करोड़ों की सरकारी योजनाओं की राशि सृजन संस्थान में रखी जाने लगी। देखते ही देखते करोड़ों की सरकारी राशि का बंदरबांट होने लगा। वर्ष 2012 में ऐसा अजूबा पूर्णिया जिले के एक पैक्स में भी हुआ। वहां पैक्स के खाते में जिला प्रशासन के कई पदाधिकारियों जिनमें वीडियो, सीओ भी शामिल थे, करोड़ों की राशि जमा कराई थी। वह राशि विभिन्न सरकारी योजनाओं की थी। कमीशन के खेल में तब आपस की किचकिच में घोटाले का भंडाफोड़ हो गया। वीडियो समेत कई पदाधिकारियों को जेल जानी पड़ी। पूर्णिया में 2012 में हुए उस घोटाले के बाद भी भागलपुर में अनदेखी की गई लेकिन यहां भी 2017 में घोटाला पूरी तरह उजागर हुई। घोटाले में कई आइएएस पदाधिकारियों, बैंक पदाधिकारियों, सफेदपोशों, अफसरों की संलिप्तता सामने आई। भागलपुर में कई शोरूम, शापिंग कांप्लेक्स, बाइपास में करोड़ों की जमीनें, देश के लगभग सभी महानगरों में करोड़ों का निवेश किया गया। भागलपुर के कई बिल्डर दूसरे राज्यों में घोटाले के रुपये लगाए। जांच सीबीआई कर रही है।

निबंधक समेत सक्षम प्राधिकार को इस दागी संस्था की समाप्ति को पत्र लिखा है, क्योंकि दागी संस्था का अस्तित्व समाप्त हो जाए। जिन लोगों ने रकम जमा कराया था उनकी रकम वापसी के लिए भी पत्र लिखा है। ऐसा पत्र पहले भी दिया जा चुका है। - जैनुल आब्दीन अंसारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, भागलपुर।


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