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Srijan scam: नीलामपत्रवाद पदाधिकारी के आदेश के बाद भी रुपये नहीं लौटा रहे बैंक, इन विभागों की राशि को बैंकों ने सृजन को कर दिया था ट्रांसफर

सृजन घोटाला में नीलामपत्रवाद पदाधिकारी के आदेश के बाद भी बैंक रुपये नहीं लौटा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों ने बैंकों पर सृजन को मदद पहुंचाने के लिए रुपये जमा करने का आरोप लगाते हुए सर्टिफिकेट केस दायर किया था।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 06:40 AM (IST)
Srijan scam: नीलामपत्रवाद पदाधिकारी के आदेश के बाद भी रुपये नहीं लौटा रहे बैंक, इन विभागों की राशि को बैंकों ने सृजन को कर दिया था ट्रांसफर
सृजन घोटाला में नीलामपत्रवाद पदाधिकारी के आदेश के बाद भी बैंक रुपये नहीं लौटा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कल्याण, स्वास्थ्य व डीआरडीए के लाखों रुपये बैंक नहीं लौटा रहे हैं। इन विभागों के रुपये बैंकों द्वारा सृजन महिला विकास सहयोग समिति को ट्रांसफर कर दिया था।

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विभागीय अधिकारियों ने बैंकों पर सृजन को मदद पहुंचाने के लिए रुपये जमा करने का आरोप लगाते हुए सर्टिफिकेट केस दायर किया था। नीलामपत्र वाद पदाधिकारी सुनील कुमार ने बैंकों को 30 दिनों के अंदर रुपये वापस करने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी बैंकों ने कल्याण और स्वास्थ्य विभाग को रुपये वापस नहीं किया है। डीआरडीए के पक्ष में अप्रैल में फैसला आया है, जिसका 30 दिन का समय भी पूरा हो गया है।

डीआरडीए निदेशक ने किया था केस

डीआरडीए निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय ने राशि वसूली के लिए इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विरुद्ध दो अलग-अलग नीलामपत्र वाद जून 2020 में दायर किया गया था। नीलामपत्रवाद पदाधिकारी के यहां एक दर्जन से अधिक दिन सुनवाई चली। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद नीलामपत्र वाद पदाधिकारी सुनील कुमार (डीडीसी) ने बैंक ऑफ बड़ौदा को 40 करोड़ 18 लाख 99 हजार 737 रुपये व इंडियन बैंक को 49 करोड़ 64 लाख नौ हजार 674 रुपये डीआरडीए को वापस करने का आदेश दिया और दोनों बैंकों को 30 दिनों के अंदर 89 करोड़ 83 लाख नौ हजार 411 रुपये लौटाने का आदेश दिया।

पिछले वर्ष आया था फैसला

कल्याण विभाग ने 30 सितंबर 2019 और स्वास्थ्य विभाग ने 11 नवंबर 2017 को बैंकों के खिलाफ सॢटफिकेट केस दायर किया था। केस की सुनवाई कर रहे नीलामपत्र वाद पदाधिकारी सुनील कुमार ने फरवरी 2020 में फैसला सुनाते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया को 30 दिनों के अंदर दोनों विभागों को 221 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया था। लेकिन 30 दिनों की बात तो दूर डेढ़ साल बाद भी बैंकों ने दोनों विभाग को राशि वापस नहीं की। इसको लेकर दोनों विभाग द्वारा बैंकों से पत्राचार भी किया गया है। सिविल सर्जन ने बैंक ऑफ बड़ौदा पर 44 लाख 83 हजार रुपये की अवैध निकासी की वसूली के लिए नीलामपत्र वाद दायर किया था।

नहीं मिल रहा विभाग को दिशा-निर्देश

कल्याण विभाग बैंकों से राशि वापस नहीं मिलने पर नीलामपत्र वाद पदाधिकारी (डीडीसी) सुनील कुमार को कई बार पत्र भेज चुका है। पत्र में राशि वापस नहीं करने का हवाला देकर दिशा-निर्देश की मांग की गई है। लेकिन विभाग को दिशा-निर्देश नहीं मिल पा रहा है। 


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