विशेष निगरानी टीम पहुंची भागलपुर, पटना सीडीपीओ ज्योति की संपत्ति की जांच, कैसे आया आय से अधिक संपत्ति!
धनरुआ सीडीपीओ ज्योति की संपत्ति की जांच में विशेष निगरानी टीम भागलपुर में। विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति जमा करने का मामला किया है दर्ज। सरकारी सेवा में रहते नाजायज तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। राजधानी पटना के धनरुआ में तैनात सीडीपीओ ज्योति के विरुद्ध विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति जमा करने का मामला दर्ज किया है। ज्योति पर सरकारी सेवा में रहते नाजायज तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। भागलपुर में भी उसने फ्लैट खरीद रखी है।
विशेष निगरानी टीम ने इसकी जांच कर कई चौंकाने वाली जानकारी इकट्ठा की है। सूत्रों के अनुसार विशेष निगरानी की टीम भागलपुर में कभी जिला बल में तैनात रहे 94 बैच के तेजतर्रार अवर निरीक्षक उमेश लाल रजक की अगुआई में ज्योति की अकूत संपत्ति का पता लगाने पहुंची थी।
इस दौरान भागलपुर में 25 लाख रुपये के अनुमानित मूल्य की फ्लैट की खरीद का पता चला है। टीम ज्योति के अन्य निवेश का भी पता कर रही है। वेतन और अन्य ज्ञात स्त्रोतों की तुलना में बहुत ही अधिक संपत्ति अर्जित की है। उनके विरुद्ध आय से अधिक कुल 51, 36,000 की संपत्ति गैर कानूनी और नाजायज ढंग से अर्जित करने के कारण एसयूवी कांड संख्या 003-2021 दर्ज की गई है।
आरोपित सीडीपीओ ज्योति के पटना स्थित आवास की तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। आरोपित की अर्जित संपत्ति में बैंक, फिक्स डिपाजिट, भारतीय जीवन बीमा एवं रियल इस्टेट एवं अन्य में निवेश करने के प्रमाण तथा नकद करीब चार लाख रुपये भी मिले हैं। आरोपित के एक स्विफ्ट और एक ब्रेजा गाड़ी रखने के भी कागजात बरामद हुए हैं। प्राप्त दस्तावेजों और कागजातों से प्रथम दष्ट्या केस में लगाए गए आरोप की पुष्टि हो गई है।
कई बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड और पटना में एक फ्लैट और भागलपुर में भी एक फ्लैट की खरीद के संबंध में भी कागजात मिले हैं। पटना वाले फ्लैट में तलाशी जारी है। फ्लैट का अनुमानित मूल्य लगभग 70 लाख रुपये हैं तथा एक बड़ी राशि फ्लैट के आंतरिक सजावट में खर्च किए गए हैं।
इन संपत्तियों की विवरणी का उल्लेख आरोपित ने अपने वार्षिक संपत्ति विवरणी में नहीं किया है। अभी तक आरोपित ने आइसीआइसीआइ बैंक में लाकर रखने के भी प्रमाण मिले हैं। आगे की तफ्तीश में कई आपत्तिजनक और अवैध धनार्जन की संभावना विशेष निगरानी इकाई को है।