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पांच तीर्थस्थलों की यात्रा कराने यात्रियों को लेकर रवाना हुई दक्षिण भारत तीर्थयात्रा ट्रेन, आप भी करें यात्रा

दक्षिण भारत तीर्थयात्रा ट्रेन ट्रेन सुबह 845 बजे भागलपुर स्टेशन पहुंची और 25 मिनट के बाद 910 बजे यात्रियों को लेकर रवाना हुई। 10 रात व 11 दिनों की होगी तीर्थयात्रा एलएचबी कोच के पेंट्रीकार में थी समस्या आइसीएफ रैक के साथ रवाना हुई ट्रेन।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 21 Mar 2022 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 21 Mar 2022 11:58 AM (IST)
दक्षिण भारत तीर्थयात्रा ट्रेन पर रेल यात्री सवार।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। दक्षिण भारत तीर्थयात्रा ट्रेन (टूरिस्ट ट्रेन) रविवार को यह ट्रेन सुबह 8:45 बजे भागलपुर स्टेशन पहुंची और 25 मिनट के बाद 9:10 बजे यात्रियों को लेकर रवाना हुई। यह ट्रेन मुंगेर से खुली थी। इधर, जब इस ट्रेन को चलाने की घोषणा की गई थी तो उसमें एलएचबी कोच लगी होने की बात कही गई थी, लेकिन  रविवार को यह ट्रेन आइसीएफ रैक के साथ रवाना हुई। इसमें से भी हावड़ा से भेजी गई रैक में पांच बोगी डैमेज थी, जिसे भागलपुर में बदला गया। बताया गया कि एलएचबी कोच में पेंट्रीकार की समस्या हो रही थी। इसलिए आइसीएफ रैक के साथ ट्रेन रवाना की गई। यह ट्रेन कहलगांव साहिबगंज, तीनपहाड़, पाकुड़, रामपुरहाट, बोलपुर, वर्धमान, दानकुनी, अंदुल, मेचैदा, खडग़पुर के रास्ते जाएगी। यात्रा 10 रात व 11 दिन की है। यह तीर्थ यात्रा ट्रेन तिरुपति-मदुरै-रामेश्वरम-कन्याकुमारी-पुरी की यात्रा कराएगी।

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इस सफर के लिए दो तरह का पैकेज निर्धारित किया गया था। जिसमें तीर्थ यात्रा के लिए प्रति यात्री 900 रुपये प्रति दिन और प्रतिदिन 1500 रुपये। 11 दिनों की इस विशेष तीर्थयात्रा रेलगाड़ी यात्रा के लिए प्रत्येक यात्री को जीएसटी समेत क्रमश: 10,395 रुपये व 17,325 रुपये भुगतान करना पड़ा। इस पैकेज की लागत में स्लीपर क्लास व थ्री एसी क्लास द्वारा ट्रेन यात्रा, स्टैंडर्ड श्रेणी वालों के लिए धर्मशाला में रात्रि विश्राम एवं कंफर्ड श्रेणी वालों के लिए होटल, शाकाहारी भोजन की व्यवस्था, गैर-एसी बसों द्वारा दर्शनीय स्थलों की यात्रा, यात्रा बीमा आदि शामिल हैं। टूरिस्ट ट्रेन के हर कोच में एक-एक ट्रेन मैनेजर व सहयोगी की प्रतिनियुक्ति की गई है। आइआरसीटीसी ने है।  

सभी कोच एवं पेंट्रीकार का समय-समय पर सैनिटाइज किया किया गया। सभी यात्रियों को गरम पानी के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य किट उपलब्ध कराई जा रही है। हर यात्री कोच में दो कंपार्टमेंट खाली छोड़ा गया है, ताकि इसका उपयोग यात्रा के दौरान किसी यात्री को कोरोना लक्षण पर आइसोलेट किया जा सके। इधर, आस्था सर्किट टूरिस्ट स्पेशल ट्रेन की भागलपुर रेल एरिया से संभवत: यह अंतिम ट्रेन होगी। इसलिए कि यह योजना अब समाप्त हो रही है। 


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