मानवीय भूल के सुधार के लिए बैंक ने मांगे आठ लाख रुपये, जदयू नेता ने की शिकायत
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक ने मानवीय भूल के सुधार के लिए उपभोक्ता से आठ लाख रुपये मांगने का एक मामला आया है। इसकी शिकायत जदयू नेता ने की। रुपये नहीं देने पर धोखाधड़ी का मुकदमा दायर हुआ है।
भागलपुर, जेएनएन। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक की सन्हौला शाखा के एक उपभोक्ता से मानवीय भूल के सुधार के लिए आठ लाख रुपये मांगने और इन्कार करने पर जालसाजी और धोखाधड़ी का मुकदमा करने का मामला सामने आया है। उपभोक्ता जदयू के वरीय नेता अरविंद कुमार अकेला ने बैंक के वरीय अधिकारियों से इसकी शिकायत की है। अकेला महेशपुर-घनश्यामचक पंचायत के पूर्व मुखिया भी हैं।
बैंक से एक करोड़ रुपये का ऋण लिए थे
उन्होंने बताया कि निजी स्कूल के भवन निर्माण के लिए बैंक से एक करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इसके एवज में पीरपैंती के मौजा महेशपुर की छह डिसमिल जमीन बंधक रखी थी, जो उनकी पत्नी बिंदु देवी के नाम पर है। उस जमीन को पत्नी पहले ही मेरे भाई द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए लोन में बंधक रख चुकी थी। इसकी जानकारी होने पर मैंने तत्काल बैंक प्रबंधन को इसकी सूचना दी और मानवीय भूल मानकर दूसरी जमीन बंधक रखने का आग्रह किया। लिखित आवेदन दिया। इस बीच ऋण का भुगतान भी करता रहा। कोरोना काल में भी चेक के माध्यम से अबतक 35 लाख रुपये चुकता कर चुका हूं।
भूल सुधार के लिए बैंक ने आठ रुपये मांगे
जदयू नेता का आरोप है कि इस बीच मुझे एक दिन बैंक बुलाया गया और कहा गया कि इस भूल सुधार के लिए आपको आठ लाख रुपये अलग से देना होगा। अन्यथा मुकदमा होगा, जिससे आपकी छवि खराब होगी और आप इसबार विस चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जदयू नेता ने कहा कि रुपये देने से इन्कार करने पर बैंक प्रबंधन ने जालसाजी और धोखाधड़ी का केस कर दिया। वहीं, इस बावत पूछने पर बैंक के शाखा प्रबंधक नीरज कुमार ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि सोची-साजिश के तहत ऋण की राशि गबन करने के लिए पति-पत्नी ने मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने कहा कि बैंक के खिलाफ आंदोलन की जाएगी।