विनेंदु हत्याकांड : बेटा अमियाश्री मुजरिम करार, 30 अगस्त को सुनाई जाएगी सजा Bhagalpur News
24 जून 2011 को डिस्टिल वाटर के कारखाना का स्वामित्व कचहरी चौक वाले मकान को अपने नाम कराने की लालच में व्यवसायी विनेंदु को उसके इकलौते बेटे अमियाश्री ने ईंट से कूच कर मार डाला था।
भागलपुर [जेएनएन]। सिल्क सिटी में 24 जून 2011 की देर रात कचहरी चौक स्थित घर पर हुए पानी व्यवसायी विनेंदु कुमार की हत्या में न्यायालय ने आरोपित बेटे अमिया श्री को मुजरिम करार दिया है। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभाकांत मिश्रा की अदालत ने अमिया श्री को दोषी पाते हुए 30 अगस्त को सजा सुनाने का एलान कर दिया है। न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई के तुरंत बाद अमिया श्री को हिरासत में लेने का हुक्म दिया। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने मुजरिम अमिया श्री को हिरासत में लेकर कोर्ट हाजत ले गए जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उसे जेल से 30 अगस्त को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
हाजत ले जाते समय सुरक्षाकर्मियों से उलझ गया अभियुक्त
हत्याकांड की सुनवाई में भाग लेने पहुंचे अमियाश्री को जब न्यायाधीश ने पिता की हत्या में दोषी पाया तो वह डॉक के अंदर था। वह जमानत पर चल रहा था। दोषी पाए जाने के बाद उसे हिरासत में लेने का आदेश होते ही सुरक्षाकर्मियों ने उसे हिरासत में लेकर हथकड़ी पहना दी। हथकड़ी पहनाते समय वह सुरक्षाकर्मियों से उलझने का प्रयास किया। दस्तावेज पर दस्तखत करने से मना करने लगा। उसे सुरक्षाकर्मी काबू कर हाजत ले गए।
जायदाद के लिए ईंट से कूच कर मार डाला था पिता को
24 जून 2011 की रात दो बजे डिस्टिल वाटर के कारखाना का स्वामित्व, कचहरी चौक वाले मकान को अपने नाम कराने की लालच में व्यवसायी विनेंदु कुमार को उसके इकलौते बेटे अमियाश्री ने ईंट से कूच कर मार डाला था। जब वह अपने पिता को बेरहमी से मार रहा था तब उसकी मां की नींद टूट गई थी। उसने मां को भी बुरी तरह लहूलुहान कर दिया। अमिया को जायदाद का लोभ इस कदर सवार था कि वह अपने जन्म देने वाले मां-बाप पर तब-तक वार पर वार करता रहा जब तक दोनों का शरीर शांत ना पड़ गया। अपनी जानकारी में अमियाश्री ने पिता और मां को मार ही डाला था। मारने के बाद उसने बड़ी होशियारी से घर के मुख्य प्रवेश द्वार, कमरे के दरवाजे का लॉक के साथ भी खेला फिर साजिश के तहत पुलिस को सूचना दी कि अज्ञात हत्यारों ने मां-बाप पर हमला किया। अमिया ने अपने पारिवारिक मित्र, चिकित्सक और पुलिस वालों को फोन कर घटना की जानकारी दी। पुलिस के समक्ष दिए बयान में यह कहा कि वह रानीगंज से घटना के एक दिन पूर्व शाम को लौटा था। घर में सो रहा था। 25 जून की अल सुबह उसकी बहन कविताश्री ने मां-पिता के कमरे में देखा तो वह शोर मचाई। उसके बुलाने पर वह अपने कमरे से वहां गया तो देखा दोनों नीचे लहूलुहान पड़े हुए थे। पुलिस पहुंची। जांच में पिता की मौत हो चुकी थी। मां के शरीर में जान बची थी। मायागंज अस्पताल उन्हें भर्ती कराया गया। वहां से पटना रेफर किया गया। करीब एक माह बाद मां सुनीता श्री को होश आया। उसने अपने बयान में बेटे जैसा ही बयान दिया। अज्ञात हत्यारों ने डिस्टिल वाटर फैक्टरी और जमीन संबंधी कागजात तथा रुपये के लिए हमला किया था, ऐसा उसने बयान दिया। बेटे की उस जघन्य करतूत के बाद भी मां का बयान पहले रहस्यमय ही रहा।
तत्कालीन एसएसपी संजय सिंह ने स्वयं संभाला था जांच का जिम्मा
सिल्क सिटी के हाई प्रोफाइल हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए स्वयं तत्कालीन एसएसपी संजय सिंह घटनास्थल पर पहुंच पहले विनेंदु कुमार के कमरे को सील कराया था। पटना से एफएसएल टीम को बुलाया। तिलकामांझी थाने में दर्ज हुए हत्याकांड में बेटे अमियाश्री और पुलिस के समक्ष उसके दिए बयान तब एसएसपी ने संदिग्ध की श्रेणी में रख दिया। स्वयं जांच को लीड करने लगे। नतीजा निकला। अमिया गिरफ्तार कर लिया गया। तत्कालीन एसएसपी संजय सिंह वर्तमान में पटना सेंट्रल आइजी पद पर तैनात हैं।
वाशिंग मशीन की पाइप और घर के अंदर सीवरेज से निकली थी सच्चाई
एसएसपी संजय सिंह ने तब अमिया को संदेह के घेरे में रखकर घर के वाशिंग मशीन की जांच कराई। अमिया ने खून सने कपड़े को धोया था। घर से जुड़े आंतरिक नाले से भी खून वाले पानी का सैंपल ले जांच कराई। बेड पर मिले खून और उसके मां-पिता के ब्लड सैंपल से मिलान कराया तो हत्या के रहस्य से पर्दा उठ गया। घटना को अंजाम बेटा अमिया श्री ने ही दिया था। पुलिस की जांच भटकाने के लिए अज्ञात डकैतों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की अमिया की साजिश नाकाम हो गई।