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Surya Grahan End Timing: वट सावित्री और शनि जयंती पर क्‍या पड़ा असर, भारत में कहां-कहां दिखाई दिया ग्रहण ...जानिए

Surya Grahan End Timing वर्ष 2021 का पहला सूर्यग्रहण 10 जून को था। भारत में दो शहरों में ग्रहण दिखाई दिया। बिहार में यह कहीं भी दिखा। इसी दिन वट सावित्री और शनि जयंती भी थी लेकिन इन पर्वों पर सूर्यग्रहण का कोई असर नहीं रहा।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 08:39 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 10:24 PM (IST)
Surya Grahan  End Timing: वट सावित्री और शनि जयंती पर क्‍या पड़ा असर, भारत में कहां-कहां दिखाई दिया ग्रहण ...जानिए
10 जून को लगने वाले सूर्यग्रहण का भारत में असर नहीं है।

भागलपुर, ऑनलाइन डेस्‍क। Surya Grahan 2021 start: वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) 10 जून गुरुवार को लगा। ग्रहण का भारत में कोई खास असर नहीं रहा। भागलपुर सहित बिहार में यह ग्रहण कहीं भी दिखाई नहीं दिया। इसी दिन वट सावित्री पूजा और शनि जयंती भी थी। व्रत पर भी सूर्यग्रहण का कोई असर नहीं पड़ा।

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यह सूर्य ग्रहण वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगा। सभी ग्रहों में न्यायधिपति और सूर्यपुत्र शनि की जयंती भी थी। उनका जन्‍म ज्येष्ठ अमावस्या पर हुआ था, और आज ही यह तिथि है। इस कारण सूर्यग्रहण का विशेष महत्व रहा। कहा जा रहा है शनि इस दौरान मकर राशि में रहे। वे वक्री रहे। उनकी दृष्टि मीन व कर्क राशि में बैठे मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह थी।

भारत में केवल अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में ही सूर्य ग्रहण देखा जा सका। ग्रहण सूर्यास्त से कुछ समय पहले देखा गया। सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। यह घटना तब होती है जब तीनों (सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी) एक सरल रेखा में आ जाते हैं। इस दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार था।

अरुणाचल प्रदेश में शाम लगभग 5:52 बजे ग्रहण देखा जा सका। वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में 6 बजे सूर्य ग्रहण देखा गया। वहां शाम 6.15 बजे सूर्यास्त का समय था। ग्रहण उत्तरी अमेरिका, एशिया और यूरोप के बड़े क्षेत्र में ग्रहण को देखा जा सका।

भारतीय समयानुसार 10 जून को सुबह 11:42 बजे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। दोपहर बाद 3:30 बजे से वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा। शाम 4:52 बजे तक सूर्य अग्नि वलय (आग की अंगूठी) की तरह दिखाई देगा। सूर्यग्रहण शाम लगभग 6:41 बजे समाप्त होगा।

सूर्य ग्रहण के दिन वट सावित्री पूजा है। हिंदी तिथि के अनुसार यह दिन ज्येष्ठ अमावस्या है। इसी दिन शनि जयंती (Shani Jayanti) भी है। इससे पहले शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण 26 मई 1873 को हुआ था। इस दिन ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बना है। हालांकि भारत में सूर्य ग्रहण का कोई खास असर नहीं है, इसलिए वट सावित्री पूजा और शनि जयंती पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

बिहार में भी असर नहीं

सूर्य ग्रहण का बिहार के किसी भी जगह कोई असर नहीं है। बिहार में यह दिखाई नहीं देगा। हालांकि लोग ग्रहण का मानते हैं। इस कारण लोग इस काल में नियम निष्‍ठा के साथ कार्य करेंगे। ग्रहण समाप्ति के बाद स्‍नान किया जाएगा। भागलपुर में भी ग्रहण का कोई असर नहीं है। लेकिन ग्रहण समाप्ति के बाद काफी संख्‍या में लोग गंगा स्‍नान के लिए जाएंगे। भागलपुर सहित पूर्व बिहार, सीमांचल और कोसी का इलाका गंगा सहित विभिन्‍न नदियों के तट पर स्थित है।


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