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सब्जियों के उत्पादन के लिए अब मिट्टी की नहीं है आवश्‍यकता, आप भी जान लें यह बेहतरीन तकनीक

अब बिना मिट्टी सब्जियों का उत्पादन करेगा पीजी जूलाजी। असिस्टेंट प्रोफेसर ने तैयार किया लैब। विभाग इस विधि से खेती का निशुल्क देगा प्रशिक्षण। अपने छतों पर इस तरह के प्रोजेक्ट केवल पांच हजार तक की लागत पर लगा सकते हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 10:44 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 10:44 PM (IST)
सब्जियों के उत्पादन के लिए अब मिट्टी की नहीं है आवश्‍यकता, आप भी जान लें यह बेहतरीन तकनीक
अब बिना मिट्टी के ही सब्‍जी का उत्‍पादन।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के पीजी जूलाजी विभाग में बिना मिट्टी कई सब्जियों का उत्पादन होगा। इसके लिए विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. निवेदिता प्रियदर्शिनी ने एक्वापोनिक्स लेबोरेटरी तैयार किया है। डा. प्रियदर्शिनी ने बताया विभाग में 18 हजार लीटर के पानी का टैंक तैयार किया गया है। जिसमें मछली उत्पादन के साथ उसके उत्सर्जी पदार्थों से धनिया, बीन्स, गोभी, टमाटर सहित अन्य सब्जियां उगाई जाएंगी। इसका उत्पादन पीवीसी पाइप या बंबू काटकर किया जाएगा।

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अभी डाली गई हैं 52 मछलियां

डा. प्रियदर्शिनी ने बताया कि इस लैब का उद्देश्य मछली पालन के साथ समृद्ध किचन गार्डन तैयार करना है। आम लोग भी अपने छतों पर इस तरह के प्रोजेक्ट केवल पांच हजार तक की लागत पर लगा सकते हैं। फिलहाल टैंक में तीन हजार मछलियों की क्षमता है, किंतु अभी 52 की संख्या में रेहु, कतला और गोल्ड फिश डाली गई है। उन्होंने बताया कि जो लैब विकसित किया गया है। इससे पानी में भरे हुए पानी की बर्बादी भी नहीं होगी। यह पानी रिसाइकिल के बाद प्रयोग में लाया जाएगा। यह पूरी तरह से न्यूट्रियन फिल्टर टेक्निक पर काम करेगा। सब्ज्यिों का उत्पादन स्वाइन लेस सिस्टम के तहत होगा।

क्या है एक्वापोनिक्स लेबोरेटरी

यह एक स्थायी माडल होता है। जो एक्वाकल्चर के साथ हाइड्रोपोनिक्स को जोड़ता है। इस माडल में एक ही साथ मछली उत्पादन के साथ-साथ सब्जियों का भी उत्पादन हो सकेगा। पीवीसी पाइप और बंबू में होल करके पौधों में मछली के उत्सर्जी पदाथों के माध्यम से वृद्धि कराई जाती है। पौधों को जो सामग्री मिट्टी से मिलती है, वे मछलियों के उत्सर्जी पदार्थों से पूरी हो जाएगी। यह पूरी तरह आर्गेनिक होगी।

निशुल्क प्रशिक्षण ले सकते हैं लोग

लैब को तैयार करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर डा. नवोदिता ने बताया कि कोई भी यदि इस विधि का प्रशिक्षण लेना चाहता है तो वे आगे आ सकते हैं। अभी करीब 25 छात्र-छात्राएं इस विधि का प्रशिक्षण ले रही हैं। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निशुल्क होगा। इसमें जो सामग्री लगेगी, वह प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोगों को लाना होगा।

विभागाध्यक्ष ने किया उद्घाटन 

सोमवार को पीजी जूलाजी के विभागाध्यक्ष डा. अशोक ठाकुर ने एक्वापोनिक्स लेबोरेटरी का उद्घाटन किया। इस मौके पर डा. नवोदिता प्रियदर्शी, डा. प्रभात कुमार राय, टीएमबीयू के पीआरओ डा. दीपक कुमार दिनकर, डा. धर्मशाला, डा. डीएन चौधरी, डा. रीतू मिश्रा, डा. रेणु सिन्हा, दिलीप कुमार ठाकुर समेत काफी संख्या में शोधार्थी, छात्र आदि मौजूद थे।


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