Corona Fighters : छलका दर्द... उम्मीद नहीं थी समाज के लोग ऐसा करेंगे बरताब
Corona Fighters जिले का पहला कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति आज पूरी तरह स्वस्थ है। लेकिन इस दौरान उन्हें व उनके स्वजनों को समाज ने रुला दिया।
भागलपुर [अशोक अनंत]। इंग्लैंड से आए यहां के निवासी कोरोना वायरस से संक्रमित मिले। यह कोरोना वायरस से संक्रमित जिले का पहला व्यक्ति था। इनकी इच्छा शक्ति और चिकित्सक के उपाचार व सलाह से आज यह पूरी तरह स्वस्थ हैं। लेकिन इस दौरान समाज ने उन्हें काफी दर्द दिया। यह बात बताते हुए उनकी आंखें नम हो गई। नेत्रों से झर-झर आंसू बहने लगे।
कोरोना ने तो सिर्फ शारीरिक रूप से बीमार किया, लेकिन समाज की उपेक्षा ने अंदर तक तोड़ दिया। लोगों ने दूध और पानी वालों को भी घर में नहीं आने दिया। परिवार के लोगों से भी लोग दूर छिटके रहते। यह दर्द है नवगछिया के व्यवसायी विजय केजरीवाल (65) का। उन्होंने बताया कि जीवन भर वे दूसरों के दुख-दर्द में काम आते रहे, इस कारण दूसरों द्वारा ऐसा व्यवहार उन्हें और तकलीफ दे गया।
इंग्लैंड से लौटने के बाद विजय कोरोना पॉजिटिव पाए गए। पटना में उनकी कोरोना जांच की गई थी। चार अप्रैल को उन्हें जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। भागलपुर जिले के वह पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज थे। स्वस्थ होने पर उन्हें 12 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी मिली थी। वह अस्पताल से रात में घर लौटे थे। सुबह से नजारा बदला हुआ था। समाज के लोगों ने दूध और पानी वाले को उनके घर आने से मना कर दिया। जब उनका बेटा और उनकी बहू बाजार जाती थीं तो लोग दूर भागते थे। घर पर तो कोई आया भी नहीं। यदि इनके परिवार से कोई बाहर निकलता था तो लोग अपने घर का दरवाजा बंद कर लेते। अगर कोई छत पर जाता तो पड़ोसी अपनी छत से उतर जाते।
एक आदमी बाजार से सब्जी खरीदकर उनके घर पहुंचाता था। उसे भी लोगों ने रोकने की कोशिश की। वह चुपके से खेत के रास्ते से सब्जी पहुंचाता रहा। विजय बताते हैं कि डेढ़ महीने तक उन्हें और उनके परिवार को यही स्थिति झेलनी पड़ी। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई। इधर, शहर के एक बैंककर्मी भी कोरोना पॉजिटिव हुए। स्वस्थ होने पर दो सप्ताह पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है। अभी भी उनके घर से निकलने पर लोग उनसे दूर भागते हैं। ऐसी स्थिति कई अन्य लोगों के साथ भी है।