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तो क्या भर जाएगा मुंगेर मंडल कारा? हर रोज शराब मामले में पहुंच रहे 5 से 6 कैदी, कुल क्षमता मात्र 1143

बिहार में शराबंदी को सफल बनाने के लिए कार्रवाई करते हुए तस्करों से लेकर पीने वालों तक पर नकेल कसी जा रही है। तेजी से गिरफ्तारियां हो रहीं हैं। ऐसे में सवाल उठता है तो क्या जेलें भर जाएंगी। मुंगेर मंडल कारा पहुंच हमने इस सवाल का जवाब जाना...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 02:26 PM (IST)
तो क्या भर जाएगा मुंगेर मंडल कारा? हर रोज शराब मामले में पहुंच रहे 5 से 6 कैदी, कुल क्षमता मात्र 1143
मुंगेर मंडल कारा में अभी बंद है शराब मामले के 20 प्रतिशत कैदी।

संवाद सूत्र, मुंगेर : मुंगेर मंडल कारा में हर दिन पांच से छह बंदी पहुंच रहे हैं। यहां बंद 857 बंदियों में से 178 सिर्फ शराब मामले में पकड़े गए हैं। अभी मंडल कारा में लगभग 20 प्रतिशत कैदी शराब मामले में बंद हैं। जमानत पर बंदी निकलते हैं और कुछ दिन बाद फिर से मंडल कारा पहुंच जा रहे हैं। कैदियाें की संख्या बढ़ने से दूसरे बंदियों की परेशानी बढ़ गई है। यहां 1143 बंदी रखे जा सकते हैं  मंडल कारा में पुरुषों के लिए जहां 20 वार्ड हैं, जबकि महिलाओं के लिए पांच वार्ड बनाए गए हैं। 1143 बंदियों के लिए 110 शौचालयों की व्यवस्था है। बजुर्ग व दिव्यांग मरीजों के लिए चार कमोड शौचालय है।

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  • -1143 बंदियों के रहने की है जगह
  • -857 बंदी अभी है मंडल कारा में
  • -178 बंदी सिर्फ शराब केस में पहुंचे
  • -05 से छह हर दिन शराब के केस

शराब पीने और कारोबार करने वालों पर शिकंजा

शराबबंदी की समीक्षा के बाद शराब का सेवन करने वालों और अवैध तरीके से कारोबार करने वाले तस्करों पर पुलिस कहर बनकर टूट रही है। 15 दिनों में जिले में पांच दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। छह दर्जन के आसपास शराब की अवैध भट्ठियां ध्वस्त की गई है। सबसे ज्यादा कार्रवाई नक्सल और पहाड़ी क्षेत्र धरहरा, खड़गपुर, टेटिया बंबर में हुई है। पुलिस की सक्रियता के बाद भी इस अवैध धंधे से जुड़े लोग समझने को तैयार नहीं है। जिला अौर उत्पाद पुलिस मिलकर विशेष छापेमारी अभियान चला रही है। शराब मामले में पकड़ने के बाद सीधा जेल भेज दिया जा रहा है। ऐसे में जेल में बंदियों की संख्या बढ़ना लाजिमी है।

क्या भर जाएगी जेल ?

शराबबंदी को लेकर बड़े पैमाने पर हो रही कार्रवाई को देखते और गिरफ्तारियों को देखते हुए ऐसा सवाल उठना लाजमी हो गया। लिहाजा, जेलर अधीक्षक सोहन कुमार से यही सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि शराब के मामले में बंदियों के जेल आने से लेकर जेल से छूटने का अनुपात लगभग एक समान है। कुछ संगीन मामलों के बंदियों को दूसरे जेलों में भी शिफ्ट किया गया है।

चौकीदार से लेकर थानेदारों काे विशेष टास्क

पुलिस कप्तान जग्गुनाथ रेड्डी जलारेड्डी शराब मामले को लेकर काफी गंभीर है। उन्होंने पंचायत और गांव स्तर पर तैनात चौकीदार से लेकर सभी थानेदारों को विशेष टास्क देते हुए अलर्ट किया है। एसपी ने शराब पीने वाले और बनाने वालों पर सख्ती से निपटने का निर्देश दे रखा है। एसपी का साफ कहना है कि शराब पीने और तस्करी करने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। सभी सलाखों के पीछे होंगे।


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