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सोने के कुछ देर बाद तेज आवाज के साथ खर्राटे आना खतरे की घंटी... संभलें

जितनी बार लोग खर्राटा लेते हैं उतनी बार फेफड़े में ऑक्सीजन का प्रवेश रूक जाता है। हर्ट चोक करने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा होते रहना मस्तिष्क और हृदय को भी प्रभावित कर सकता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 12:23 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 04:07 PM (IST)
सोने के कुछ देर बाद तेज आवाज के साथ खर्राटे आना खतरे की घंटी... संभलें
सोने के कुछ देर बाद तेज आवाज के साथ खर्राटे आना खतरे की घंटी... संभलें

भागलपुर [जेएनएन]। सोने के कुछ देर बाद तेज आवाज के साथ खर्राटे आते हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। यह आपकी जिंदगी के लिए खतरे की घंटी है। तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। जितनी बार लोग खर्राटा लेते हैं, उतनी बार फेफड़े में ऑक्सीजन का प्रवेश रूक जाता है। हर्ट चोक करने का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक ऐसा होते रहना मस्तिष्क और हृदय को भी प्रभावित कर सकता है।

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शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। सर्दी या एलर्जी के कारण आने वाले खर्राटे अस्थायी होते हैं। इसी तरह गर्भावस्था के दौरान भी गले में फैटी टिश्यू जमा होने के कारण महिलाएं खर्राटे लेती हैं। रात में भरपूर सोने के बाद भी अगर सुबह तरोताजा महसूस नहीं करते हैं तो स्लीप स्पेशलिस्ट को दिखाएं। लंबे समय तक खर्राटे लेने वालों में उच्च रक्तचाप, रात में सीने में दर्द होना, ध्यान केंद्रित न कर पाना, हृदय की धड़कन असामान्य होना, फेफड़ों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका अधिक होती है। यह जानकारी दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में श्वांस और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक कुमार सिंह ने पाठकों को दी। इन्होंने दमा, छाती, मधुमेह, श्वांस, फेफड़ा जैसी बीमारियों से बचाव के टिप्स दिए।

प्रश्न-दो सप्ताह से श्वांस लेने में परेशानी हो रही है। कुछ उपाय बताएं। खर्राट की भी शिकायत है।

आनंद झा, बूढ़ानाथ

-आप तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। धुल-कण से बचें। एलर्जी से भी हो सकती है।

प्रश्न-दो-तीन महीने से श्वांस फूलने की शिकायत है। इससे काफी परेशान हूं।

ओमप्रकाश मंडल, नाथनगर

-आप पहले धूल से बचने का प्रयास करें। बाहर निकलने के दौरान मास्क पहनें। जरूरी जांच करा लें।

प्रश्न-दम फूलने से कोई काम सही तरीके से नहीं कर पाता हूं। धड़कन तेज हो जाता है। सोने वक्त में खरार्टा भी आता है।

शंभु कुमार दास, बरारी।

-किसी तरह का धूमपान न करें। धूल से बचने का प्रयास करें। इसीजी और अन्य जांच कराएं।

प्रश्न -कुछ दूर पैदल चलने पर श्वांस फूलने लगता है। बैठने पर ठीक हो जाता है। क्या करें।

आलोक मंडल, खरीक

-आप सबसे पहले चिकित्सक से सलाह लें। वाकिंग टेस्ट कराएं। इसीजी कराएं।

प्रश्न-श्वांस लेने में काफी परेशानी होती है। दम फूलने लगता है। छह महीने से इस बीमारी से परेशान हूं।

ओमप्रकाश मिश्रा, नारायणपुर

-धूल-कण से बचें। छह महीने से दम फूल रहा है तो तुरंत इलाज कराएं। जरूरी जांच के बाद दवाइयों से ठीक हो जाएगा।

प्रश्न- सीढ़ी पर चढऩे से श्वांस की समस्या बढ़ जाती है। कई महीने से परेशान हूं। क्या करें।

दिलीप मिश्रा, सच्चिदानंद नगर

-श्वांस फूलने की समस्या मोटापा से भी हो सकता है। आप चिकित्सक से इलाज कराएं।

प्रश्न- श्वांस लेने में काफी तकलीफ होती है। नाक रात में अक्सर जाम हो जाता है। कुछ उपाय बताएं।

अजय शर्मा, कजरैली

-आप तुरंत हर्ट विशेषज्ञ से सलाह लें। रात में अक्सर श्वांस नहीं लेने की बीमारी बढ़ जाती है। इसे नजरअंदाज नहीं करें।

इन्होंने भी पूछे प्रश्न

प्रश्न पहर में दमा, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, हर्ट, श्वांस और फेफड़ा से संबंधित बीमारी के उपाय के बारे में जितेन्द्र कुमार शिवनारायणपुर, मुकेश यादव बांका, प्रदीप गुप्ता कहलगांव, नूर आलम, खिरी बांध, सतीश कुमार नारायणपुर, राकेश सहनी, गोंडखरी ने भी फोन किए।


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