स्मार्ट सिटी भागलपुर... स्थायी समिति की बैठक में आए और चले गए सदस्य, नहीं हो सका इन मुद्दों पर चर्चा
स्मार्ट सिटी भागलपुर में बुधवार को स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई थी इसमें सदस्य तो पहुंचे लेकिन विकास के मुददे पर बात नहीं हो सकी। जबकि वार्डों में कूड़ा संग्रहण को ठेला व कूड़ेदान समेत सफाई संसाधन का अभाव झेल रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। वार्डों में कूड़ा संग्रहण को ठेला व कूड़ेदान समेत सफाई संसाधन का अभाव झेल रहा है। बुधवार को नगर निगम में हुई स्थायी समिति की बैठक से पार्षदों में उम्मीद थी कि सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर अहम निर्णय लिया जाएगा। एक बार फिर शहर का विकास विवादों को उलझ गया।
मेयर सीमा साहा ने बैठक शुरू होने के चंद मिनटों में ही स्थगित करने की घोषणा कर दी। मेयर ने नगर आयुक्त प्रफुल्ल यादव से दो टूक कहा, जब तक निगम के आय-व्यय का विस्तृत ब्योरा उपलब्ध नहीं मिलेगा, तब तक बैठक नहीं होगी। तीन साल से विभिन्न मद व निगम के आंतरिक संसाधन हिसाब मांगा जा रहा है। बावजूद आय-व्यय का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया। किस मद में कितना पैसा खर्च किया, निगम पर भरोसा नहीं है। पारदर्शिता का अभाव है।
लॉकडाउन में मास्क, सेनिटाइजर व बैरिकेडिंग पर खर्र्च में मेयर ने धांधली की आशंका व्यक्त की है। मेयर की मांग पर नगर आयुक्त ने भरोसा दिया कि शाखाओं से रिपोर्ट लेकर 10 से 15 दिनों में आय-व्यय का ब्योरा उपलब्ध कराया जाएगा।
विवादों के बीच समिति सदस्यों की 36 प्रस्ताव पर चर्चा लंबित हो गई। साबिहा रानू, फरीदा आफरीन व उद्याा देवी आदि ने कहा वार्ड में कूड़ा उठाव को ठेला नहीं है। कम से कम सफाई संसाधन पर विचार करना था। इस पर मेयर ने कहा शहर का विकास हो रहा है। पूर्व में कूड़ेदान की खरीदारी का निर्णय लिया गया है। जैम पार्टल से निगम अधिकारी खरीदारी करने में असफल रहे हैं। शहर में 100 करोड़ रुपये के सड़क, नाला समेत विकास योजना की निविदा हुई। कुछ योजनाओं की निविदा होने के बाद एग्रीमेंट नहीं हुआ। जब निगम के पास राशि नहीं थी तो निविदा करने पर सवाल भी खड़े किए गए। बैठक में एक भूतपूर्व सैनिक द्वारा नियुक्ति के नाम पर राशि लेने के आरोपों की जांच व कार्यमुक्त कराने पर विचार नहीं हुआ।
जलापूर्ति व पेयजल योजना पर पड़ेगा असर
बैठक स्थगित होने के प्रभाव भी पड़ेगा। सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं होने से स्वच्छता सर्वेक्षण पर असर पड़ेगा। वहीं, गर्मी में जलापूर्ति समस्या का लोगों को सामना करना पड़ेगा। दरअसल जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर जलकल शाखा ने एक एचपी के आठ, 12.5 एचपी के चार, 15 एचपी के चार मोटर पंप व समर्सिबल खरीदारी का प्रस्ताव दिया था। वहीं डीप बोङ्क्षरग व प्याऊ के पंप को दुरुस्त करने के लिए 10 मजदूरों को रखने के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई। जबकि मेयर से अपने प्रस्ताव में निर्वाद्ध जलापूर्ति व प्याऊ के भौतिक सत्यापन को शामिल किया था। मेयर ने सफाई व्यवस्था पर भी एजेंडा दिया था।
इन प्रमुख प्रस्तावों पर होना था विचार
- वार्डों की योजनाओं की प्रगति व ससमय पूरा कराने पर विचार
- शहर के अनुपयोगी यूरिनल व र्शौचालय को हटाने की योजना
- सम्राट अशोक भवन निर्माण कार्य की जांच व भुगतान पर विचार
-महापौर कक्ष से सभी शाखाओं में इंटरकॉम लगाने पर विचार
- प्याऊ के संचालन को पंप ऑपरेटर की बहाली
- आदमपुर चौक के समीप बस पड़ाव का निर्माण
- आवास योजना केे प्रथम व द्वितिय किस्त की राशि लाभुकों को निर्गत करने
- जिला स्कूल मार्ग में बंद पड़े हाईटेक शौचालय को चालू कराने
- लाजपत पार्क मार्ग बुडको के अधूरे स्ट्रीट लाइट का कार्य पूरा कराने
- 107.64 करोड़ रुपये विद्युत बिल 14वें वित्त व पंचम राज्य वित्त आयोग के फंड से भुगतान करने