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स्मार्ट सिटी की ट्रैफिक होगी स्मार्ट, व्यवस्था होगी आबाद, नियम तोडऩे वालों पर तुरंत होगी कार्रवाई, जानिए...

स्मार्ट सिटी भागलपुर की ट्रैफिक व्यवस्था जल्द बदल जाएगी। इसके लिए चार अतिरिक्त एमवीआइ और तीन प्रवर्तन पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होगी। इसके साथ ही विभाग का अपना होगा सुरक्षा बल उधार के जवानों से जल्द मुक्ति मिल जाएगी।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 08:19 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 08:19 AM (IST)
स्मार्ट सिटी की ट्रैफिक होगी स्मार्ट, व्यवस्था होगी आबाद, नियम तोडऩे वालों पर तुरंत होगी कार्रवाई, जानिए...
स्मार्ट सिटी भागलपुर की ट्रैफिक व्यवस्था जल्द बदल जाएगी।

भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा]। सिल्क सिटी में ट्रैफिक स्मार्ट होगी और व्यवस्था भी आबाद होगी। इसके लिए चार अतिरिक्त मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) और तीन प्रवर्तन पदाधिकारियों (इंफोर्समेंट ऑफिसर) की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। साथ ही विभाग का अपना सुरक्षा बल होगा। ऐसे में उधार के जवानों से मुक्ति मिल जाएगी। सालाना डेढ़-दो सौ करोड़ का राजस्व देने वाले जिला परिवहन विभाग को सशक्त बनाने में सरकार जुटी हुई है। इसके अलावा इस विभाग को अपना सुरक्षा बल होगा।

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भागलपुर काफी पुराना प्रमंडल क्षेत्र होने के साथ स्मार्ट सिटी में भी शामिल है। क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा रही थीं। इसके कारण शहर में आए दिन ट्रैफिक व्यवस्था लड़खड़ा जाती थी। चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की कमी के कारण शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही थी। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यह कवायद चल रही है।

प्रतिदिन भागलपुर होकर 30 हजार गाडिय़ों का होता है पचिालन

शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव दिनप्रतिदिन बढ़ रहा है। बिहार के अलावा झारखंड, बंगाल, असम, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिसा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न जगहों के 30 हजार भारी वाहन सहित साढ़े तीन लाख से अधिक गाडिय़ां भागलपुर होकर गुजरती हैं। इनमें अधिकांश वाहनों में क्षमता से अत्यधिक माल लोड होता है। ओवरलोड वाहनों से सड़कों को नुकसान पहुंचने के साथ ही विभाग के राजस्व को भी नुकसान पहुंचता है। ओवरलोड के कारण गाडिय़ां खराब होने से अक्सर जाम की समस्या खड़ी होती है।

कर्मियों की कमी से ओवरलोड वाहनों पर नहीं होती सख्ती

प्रतिदिन 50 से 60 वाहनों के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ 100-125 ड्राइविंग लाइसेंस आदि कार्यों से संबंधित 200-250 आवेदन किए जाते हैं। कर्मियों की कमी के कारण ओवरलोड वाहनों के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई नहीं हो पाती है। कार्यालय का काम भी प्रभावित होता है। वर्तमान में एक एमवीआइ व तीन प्रवर्तन पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

एमवीआइ के लिए शीघ्र आयोजित होगी प्रतियोगी परीक्षा

विभागीय अधिकारियों के अनुसार प्रवर्तन पदाधिकारी की प्रतियोगी परीक्षा संपन्न हो चुकी है। परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की पोस्टिंग होनी है। वहीं, हाल ही में एमवीआइ पद के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षा अपरिहार्य कारणों से रद हो गई है। जल्द ही परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके अलावा यहां दो दर्जन विभागीय सुरक्षा कर्मियों की भी यहां प्रतिनियुक्ति होनी है। सालाना डेढ़ से दो सौ करोड़ का राजस्व देने वाले इस विभाग के पदाधिकारियों को फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए होमगार्ड जवानों के बल पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार पोस्टिंग के बाद एमवीआइ और प्रवर्तन पदाधिकारियों के कार्यक्षेत्र बांट दिए जाएंगे। इससे विभागीय कार्यों के निष्पादन में तेजी आने के साथ ही नियमित रूप से चेकिंग अभियान चलेगा।

इस संबंध में डीटीओ फिरोज अख्तर ने बताया कि जल्द ही एमवीआइ, प्रवर्तन पदाधिकारियों और विभागीय जवानों की प्रतिनियुक्ति करने की सरकार की योजना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। इनकी प्रतिनियुक्ति के बाद ट्रैफिक व्यवस्था स्मार्ट हो जाएगी।


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