स्मार्ट सिटी भागलपुर : शहर की होगी निगरानी, ट्रैफिक से लेकर मिलेगी मौसम की जानकारी, निविदा जारी
भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 191 करोड़ 68 लाख रुपये की निविदा जारी। स्मार्ट सिटी योजना के तहत आने वाले एक से दो वर्षो में शहर की सुरक्षा पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। कंप्यूटर सेंसर के माध्यम से खामियों को तत्काल उजागर कर देगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर में स्मार्ट सिटी की योजना से कंट्रोल एंड कमांड साफ्टवेयर को लेकर नए सिरे से भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कवायद शुरू कर दी है। वर्ष 2016 से स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद इसकी पांच बार निविदा निकाली गई पर सफलता नहीं मिली। दो वर्ष पहले निविदा होने के बाद त्तकालीन प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने जांच बैठा दी। जिसके बाद रद करना पड़ा था। इसके बाद विभाग से पहल हुई और बेल्ट्रोन को साफ्टवेयर के कार्य का जिम्मा सौंपा था। अब विभाग ने गत माह बेल्ट्रोन से कार्य नहीं लेने का निर्णय लिया। नतीजा प्रधान सचिव के निर्देश पर भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 191 करोड़ 68 लाख रुपये की निविदा जारी किया है। इसे पुलिस लाइन में बन रहे भवन से संचालन किया जाएगा। दो अप्रैल को कंपनियों के लिए प्री-बिड बैठक नगर निगम में होगा। 16 अप्रैल तक कंपनियां इस निविदा में शामिल हो सकेंगे। साथ ही 17 अप्रैल को निविदा खोला जाएगा।
भवन के ग्राउंड फ्लोर में कमांड व कंट्रोल रूम होगा। प्रथम तल पर कार्यालय एवं दूसरे व तीसरे तल पर अन्य विभाग के कार्यालय की योजना है। कंट्रोल कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरा से निगरानी की जाएगी। कक्ष में करीब 10 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। यहां बैठकर लोग यातायात, मौसम के साथ अन्य गतिविधि को कवर किया जाएगा। इससे सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। सीसीटीवी कैमरा के लिए इंटरनेट का स्पीड बढऩा चाहिए। इसके लिए शहर में ऑपटिक फाइबर बिछाया जाएगा।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत आने वाले एक से दो वर्षो में शहर की सुरक्षा पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। कंप्यूटर सेंसर के माध्यम से खामियों को तत्काल उजागर कर देगा। अधिकारियों को शहर के किसी भी हिस्से की निगरानी करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। कंट्रोल कक्ष में बैठकर पूरे घटनाक्रम पर सटीक व तटस्थ नजर रख सकेंगे। इसमें सुरक्षा, यातायात, वाटर सप्लाई, गैस, कनेक्टिविटी, शिक्षा व स्वास्थ्य आदि आंकड़ों समेत अन्य तरह की गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। मल्टी पर्पस कम्यूनिकेशन नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। जो वायरलेस सेंसर नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। इस मदद से तत्काल मदद मुहैया कराई जाएगी। सड़क पर सेंसर लगाई जाएगी, जो अधिक स्पीड से गुजरने वाले वाहनों का संदेश सीधे कंट्रोल कक्ष को भेजेगी।