सिमुलतला के लंगड़ा आम का इस बार नहीं चख सकेंगे स्वाद, आंधी-बारिश में गिर गए सारे टिकोले
सिमुलतला के प्रसिद्ध लंगड़ा आम का इस साल स्वाद नहीं चख सकेंगे। आंधी बारिश के कारण ज्यादातर टिकोले गिर गए। इससे व्यवसायियों और किसानों को भारी नुकसान होने का अनुमान है। दरअसल इस साल वैसे भी पीछले साल की तुलना में...
संदीप कुमार सिंह, सिमुलतला(जमुई)। लगातार आए तेज आंधी तूफान के कारण इस वर्ष आम के शौकीन लोगों को सिमुलतला का दूधिया लेंगड़ा आम नसीब नहीं होगा। इस वर्ष पिछले वर्षो की अपेक्षाकृत कम आम के मंजर पेड़ों में आए थे। बीच - बीच में आए तेज आंधी- तूफान ने थोड़ी बहुत आए आम को भी खत्म कर दिया। परिणाम स्वरूप राज्यवासी यहां का चर्चित लंगड़ा आम का रसास्वादन इस वर्ष नहीं कर पाएंगे। इसके व्यवसायियों और किसानों को भारी नुकसान होने का अनुमान है।
व्यवसाय पर पड़ा है व्यापक असर
आम व्यवसायी लटन मियां, टेक्का मियां, भरत यादव, मानिक सिंह, बद्री साह, कन्हैया साह, गुलटेन सिंह आदि कहते हैं। आम की सही फलन नहीं होने से हम व्यावसाय बरबाद हो गए। हम लोगों ने मंजर देखकर ही पूरी बगान की खरीदारी प्रत्येक वर्ष करते हैं। इस वर्ष भी हम लोगों ने आम बागान की खरीदारी मंजर दिखकर ही किया था। तेज हवा - पानी ने हमारे व्यावसाय को बरबाद कर दिया। मालूम हो की सिमुलतला के आम का एक अलग ही स्वाद है।
सिमुलतला के आम की खूब होती है मांग
बाजार में सिमुलतला के आम का काफी मांग है। यहां के दूधिया लंगड़ा आम का स्वाद अन्य जगहों से अलग है। सिमुलतला के सेनवाड़ी नर्सरी के मैनेजर सुजय घोष कहते हैं कि सिमुलतला क्षेत्र में लगभग 40 - 45 प्रजातियों के आम का पैदावार होते हैं। यहां की पथरीली मिट्टी आम के पैदावार के लिए अनुकूल है। लंगड़ा दूधिया आम के अलावा हेमसागर, गोलाबखास, जर्दालू, सौरीखास, कच्चा - मीठा, बेलखास, रानी पसंद, बोंबई, बोंबई ग्रीन, फजली, आम्रपाली, मल्लिका, नीलम, सुरजो, अरोनिया, प्यारा फुल्ली, शहीदुल्ला, चटर्जी खास, दोफला, मधु कुल कुल, सुकुल, स्वर्णरेखा, नीलकमल, अरुण, दशहरी, अल्फांसू और सिंदूरिया, चौसा आदि मुख्य हैं। सिमुलतला का आम की बिकवाली देवघर, झाझा, जमुई, लखीसराय, पटना, आरा, मुगलसराय, दिल्ली, कोलकाता, सेवड़ापुल्ली, आसनसोल, धनबाद, टाटा आदि शहरों में जाता है।