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श्रावणी मेला 2020 : सोमवार से शुरू हुआ सावन, अद्भुत बना संयोग, समापन भी सोमवार को

श्रावणी मेला 2020 इस बार सावन बहुत ही अद्भुत संयोग लेकर आया है। सावन का प्रारंभ सोमवार को हुआ। अंत भी सोमवार को है। सावन में इस बार पांच सोमवारी हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 01:16 PM (IST)
श्रावणी मेला 2020 : सोमवार से शुरू हुआ सावन, अद्भुत बना संयोग, समापन भी सोमवार को
श्रावणी मेला 2020 : सोमवार से शुरू हुआ सावन, अद्भुत बना संयोग, समापन भी सोमवार को

भागलपुर [दिलीप कुमार शुक्‍ला]। श्रावणी मेला 2020 (Shravani Mela 2020) : इस बार सावन कई अद्भुत संयोग लेकर आया है। सावन में भगवान शिव, मैया पार्वती और शिव परिवार की पूजा करना विशेष लाभकारी होता है। प्रत्‍येक मनोरथ सिद्ध होता है। शिव को सावन विशेष प्रिय है। सावन की सोमवारी को शिव की पूजा करने पर मनोवांक्षित फल की प्राप्ति होती। सोमवार को शिव पूजन का विशेष महत्‍व है। इस बार सावन में पांच सोमवारी है। सावन की शुरुआत सोमवार से हुई। इसका समापन भी सोमवार को ही होगा।

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श्यामाचरण वेद विद्यापीठ गुरुधाम बौंसी के साहित्य आचार्य पंडित अमरेश कुमार तिवारी ने कहा कि सावन महीना सोमवार से शुरू हुआ। सोमवार को ही समाप्त हो जाएगा। इस सावन पांच सोमवार पड़ रहे हैं। इस कारण कई विशेष योग भी बन रहे हैं। सावन में सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने के साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष फल मिलता है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।

शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्‍व है। शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव काफी प्रसन्‍न होते हैं। चतुर्विध पुरुषार्थ की सिद्धि और विविध ताप के नाश के लिए भी इस पावन मास शिव की आराधना की जाती है। शिवजी को बेलपत्र, धतूरे फल, आंक पुष्‍प, भांग पत्र,गंगा जल, दूध, चंदन, पंचामृत आदि से पूजा की जाती है। सावन में भगवान शिव की पूजा करने से श्रद्धालु पर उनकी विशेष कृपा होती है।

सोमवार व्रत

-06 जुलाई पहला सोमवार

-13 जुलाई दूसरा सोमवार

-20 जुलाई तीसरा सोमवार

-27 जुलाई चौथा सोमवार

-03 अगस्त अंतिम सावन सोमवार

भगवान शिव की करें आराधना

-सावन महीने में सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा करें।

-पूजा स्थान की अच्छी तरह साफ-सफाई करें, और वहां गंगाजल का छिड़काव करें।

-घर में शिवलिंग बनाकर जल व दूध का अभिषेक भी करें।

-इसके बाद भगवान शिव और शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं।

-भगवान शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल, बेल पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि अॢपत करें।

-अब दीपक जलाएं और भगवान शिव का ध्यान लगाएं।

-इसके बाद शिव कथा व शिव चालीसा का पाठ कर, महादेव की आरती करें।

सावन की शिवरात्रि का महत्व

सावन के महीने में शिवरात्रि आने पर इसका विशेष महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन फाल्गुन और सावन के महीने की शिवरात्रि विशेष फलदायी मानी जाती है। इस बार सावन महीने की शिवरात्रि 18 जुलाई को मनाई जाएगी।


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