नाबालिग से दुष्कर्म करने पर दो को उम्र कैद और 30 हजार का जुर्माना
शाहकुंड थाना क्षेत्र में 15 जून 2016 को चारों अभियुक्तों ने घर में घुसकर सोए अवस्था में नाबालिग को उठा कर घर से कुछ सूखे पोखरा के पास ले गए। वहां सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
भागलपुर [जेएनएन]। पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश कुमुद रंजन सिंह ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में शनिवार को चार अभियुक्तों में दो को उम्र कैद और 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। शेष दो दोषी अभियुक्तों को छह-छह माह की सजा और 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायाधीश श्री सिंह ने नीलू यादव और नंदकिशोर यादव को उम्र कैद और 30-30 हजार का जुर्माना लगाया है। जबकि पप्पू गुप्ता और डब्बू गुप्ता को छह माह की सजा और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार की ओर से इस मामले में पॉक्सो मामले के विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने बहस में भाग लिया।
15 जून 2016 को घर से खींच कर नाबालिग से किया गया था दुष्कर्म
शाहकुंड थाना क्षेत्र में 15 जून 2016 की रात पौने दो बजे चारों अभियुक्तों ने घर में घुसकर सोए अवस्था में नाबालिग को उठा कर घर से कुछ फर्लांग की दूरी स्थित सूखे पोखरा के पास ले गए। वहां दुष्कर्म को अंजाम दिया गया था। पीडि़त बच्ची को बेहोशी हालत में छोड़ अभियुक्त भाग निकले थे। घटना की रात ही पीडि़ता की छोटी बहन की नींद टूटी। तो वह भूख की तलब पर मां से खाने को देने को कहा। जब मां जगी तो दूसरी बेटी को नहीं देख। घर के दूसरे हिस्से में खोजी। नहीं मिलने पर दरवाजे के बाहर निकली। पोखरा के समीप गई तो देखी वहां बच्ची बेहोशी के हालत में पड़ी थी। उसे उठा कर घर लाई। यहां पानी के छींटे मारने पर जब पीडि़त बच्ची को होश आया तो वह घटना की जानकारी मां को दी। उसके बाद मामले में दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराते हुए नीलू यादव समेत चारों अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
पॉक्सो की इन धारा में मिली सजा
पॉक्सो एक्ट की धारा 4 में मुख्य अभियुक्त नीलू यादव को उम्र कैद दिया गया है। नीलू को दुष्कर्म में सहयोग करने वाले नंद किशोर यादव को धारा17 में उम्र कैद और जुर्माने की सजा दी है। शेष दो अभियुक्तों पप्पू गुप्ता और डब्बू गुप्ता को कांड में मुखबिर की भूमिका को देखते हुए छह-छह माह की कैद और 20-20 हजार रुपये का जुर्माने की सजा दी गई है।
पीडि़ता को 3 लाख रुपये की सहायता
सरकार की ओर से तय प्रावधान के तहत न्यायाधीश ने पीडि़ता को 3 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने का आदेश अपने फैसले में दिया है। न्यायालय ने ट्रायल के दौरान ही एक लाख रुपये की राशि दिए जाने की स्वीकृति दे दी थी। शनिवार को शेष बचे दो लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने का आदेश पारित कर दिया है।