भागलपुर अदालत : पति को उम्र कैद, दहेज के लिए मार दी गई थी मुन्नी
ओम प्रकाश मंडल ने बेटी की हत्या की जानकारी मिलने पर पुलिस को बयान दिया था कि उसकी बेटी को दहेज के लिए उसके दामाद समेत ससुराल के अन्य लोगों ने साजिश रच कर मार डाला।
भागलपुर [जेएनएन]। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमुद रंजन सिंह ने दहेज हत्या से संबंधित मुन्नी देवी हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए अभियुक्त पति राजेश कुमार मंडल को उम्र कैद दे दी है। न्यायाधीश श्री सिंह ने पूर्व में इस मामले में 11 दिसंबर को फैसले की तिथि तय कर रखी थी लेकिन अधिवक्ता के निधन हो जाने की वजह से फैसला दूसरे दिन के लिए टल गया था।
इस मामले में न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान ही पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दो आरोपित शंभू मंडल और नरसिंह मंडल को रिहा कर दिया था। हत्या प्रकरण में मुन्नी के पति राजेश कुमार मंडल को ही दोषी पाते हुए मुजरिम ठहराया था। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने बहस में भाग लिया। घटना कहलगांव के बुद्धुचक थाना क्षेत्र में 21 दिसंबर 2014 को हुई थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 12 गवाहों की गवाही कराई गई थी। मुन्नी देवी के पिता ओम प्रकाश मंडल ने बेटी की हत्या की जानकारी पर बुद्धुचक पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस को बयान दिया था कि उसकी बेटी को दहेज के लिए उसके दामाद समेत ससुराल के अन्य लोगों ने साजिश रच कर मार डाला। पिता ने आरोप लगाया था कि दहेज के लिए उसकी बेटी को शादी के बाद से परेशान किया जाता था। उसे प्रताडऩा दी जाती थी। वह यातना सह कर पति के जुल्म की जानकारी देने से भय खाती थी। कई बार मामले में दामाद को समझाने की भी कोशिश की गई। हर बार कुछ दिनों की शांति बाद वह मुन्नी को प्रताडि़त करने लगता था। उसके बाद ही यह घटना सामने आई। उसकी बेटी मुन्नी दहेज के लिए मार दी गई।
दहेज हत्याकांड के तीन आरोपित रिहा
वहीं, एक अन्य मामले में मुनिया देवी हत्याकांड में न्यायालय ने मंगलवार को तीन आरोपितों वीणा देवी, अर्जुन दास और मुरारी दास को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। घटना सबौर थाना क्षेत्र के परघड़ी गांव की थी। 11 सितंबर 2005 को मुनिया देवी की हत्या दहेज के लिए कर दी गई थी। इस बाबत मुनिया के भाई रूदल दास ने सबौर थाने में कांड संख्या 292/ 2005 दर्ज कराई थी।